पैन आयकर विभाग द्वारा जारी एक दस-अंको की अद्धितीय अक्षरांकीय संख्या है। पैन एक परत चढ़े प्लास्टिक कार्ड के रूप में जारी किया जाता है (आमतौर पर पैनकार्ड के रूप में जाना जाता है। इस भाग में आप पैन से सम्बंधित विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रत्यक्ष करों के भुगतान के दो तरीके हैं (i) भौतिक तरीका, अर्थात नामित बैंक पर चालान की कागजी प्राप्ति के उपयोग के द्वारा और (ii) ई-भुगतान तरीका अर्थात इलेक्ट्रानिक तरीके का उपयोग करते हुये भुगतान करना। इस भाग में आप प्रत्यक्ष करों के ई-भुगतान से सम्बंधित विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
करदाता को आयकर विभाग को उसकी कर योग्य आय। हानि के ब्यौरे का संवाद करना होगा। ये ब्यौरे आयकर विभाग को आय की विवरणी के रूप में संवादित हैं। इस भाग में, आप आय की विवरणी से सम्बंधित विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
करदाता को आयकर विभाग को उसकी कर योग्य आय/हानि के ब्यौरे का संवाद करना होगा। ये ब्यौरे आयकर विभाग को आय की विवरणी के रूप् में संवादित हैं। इस भाग में, आप आय की विवरणी सुसज्जित करने (अर्थात दाखिल करने) की प्रक्रिया से सम्बंधित विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आयकर अधिनियम के तहत, विभिन्न प्रकार का ब्याज, विभिन्न प्रकार की देरी/चूक के लिये लगाया जाता है। इस भाग में, आप धारा 234 अ, 234 ब और 234 स के तहत (i) आय की विवरिणी दाखिल करने में देरी, (ii) भुगतान न करने या अग्रिम कर के भुगतान की कमी के लिये ब्याज, और (iii) भुगतान न करने या व्यक्तिगत किस्त के भुगतान की कमी या अग्रिम कर की किस्त के लिये ब्याज, ब्याज सुलझाने के लिये प्रावधाना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जब कर दाता द्वारा जमा किया कर आवश्यक राशि से अधिक है, वह उसके द्वारा जमा किये गये अतिरिक्त कर की वापसी करने के लिये पात्र होगा। धारायें 237 से 245 कर दाता द्वारा जमा किये गये अतिरिक्त कर की वापसी से सम्बन्धित प्रावधानों को सुलझाती हैं। इस भाग में आप कर दाता द्वारा जमा किये गये अतिरिक्त कर की वापसी से सम्बन्धित प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कई बार करदाता को अतिरिक्त धन की वापसी प्रदान की जाती है ऐसा हो सकता है धारा 234 डी करदाता को प्रदान की गयी अतिरिक्त वापसी पर ब्याज की बसूली के लिये लगाई जाती है। इस भाग में आप करदाता को प्रदान अतिरिक्त वापसी पर ब्याज से सम्बन्धित प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।
प्रारम्भ में न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की अवधारणा को कम्पनियों पर पेश किया गया और उत्तरोत्तर यह वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) के रूप में सभी करदाताओं पर लागू की गयी। इस भाग में आप मैट और एएमटी से सम्बन्धित विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
धारा 10 आयों जो कर से मुक्त है कि सूची देती है। इस भाग में आप विभिन्न आयो जो धारा 10 के तहत कर से मुक्त है के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एक इमारत परिसंपत्ति से किराया आये या भूमि लगाव जो करदाता के स्वामित्व मे है ‘‘मकान सम्पत्ती से आय’’ के शीर्ष के तहत कर को प्रभार्य है। इस भाग में आप प्रभारित आय + ‘‘मकान परिसम्पत्ति से आय’’ के शीर्ष के तहत कर को ई -5 से सम्बन्धित विभिन्न प्रावधानों के बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।