एफ. नं. 142/26/2015-टीपीएल
एफ नं. 142/26/2015-टीपीएल
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
राजस्व विभाग
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
******
नर्इ दिल्ली, दिनांक 23 मर्इ, 2016
विषय : भारतीय कंपनी के लिए उचित बाजार कीमत तथा विवरण अनिवार्यता के निर्धारण की प्रणाली - अप्रत्यक्ष स्थानांतरण प्रावधान- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 9(1) - मसौदा नियम - संबंधी
आयकर अधिनियम, 1961 (द एक्ट) की धारा 9 के अंतर्गत, भारत में स्थित परिसंपत्तियों के अप्रत्यक्ष स्थानांरण से उत्पन्न आय भारत में प्राप्त अथवा अर्जित के तौर पर समझी जाती है। अधिनियम की धारा 9(1)(i) के प्रावधान मुहैया कराते है कि यदि विदेशी कंपनी अथवा उद्यम में, कोर्इ शेयर अथवा ब्याज, भारत में स्थिति परिसंपत्तियों से इसकी वास्तविक लागत से अर्जित होता है तो ऐसा शेयर अथवा ब्याज भारत में स्थित होने के तौर पर समझा जाएगा। इस प्रकार से, ऐसे शेयर अथवा ब्याज के स्थानांतरण से व्युत्पन्न कोर्इ आय भारत में प्राप्त अथवा अर्जित के तौर पर समझी जाती है।
2. शेयर अथवा ब्याज भारत में स्थित परिसंपत्तियों से इसकी वास्तविक लागत से व्युत्पन्न कही जाएगी, यदि भारत में स्थित परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत (एफएमवी) में कंपनी अथवा उद्यम की कुल परिसंपत्ति के एफएमवी का कम से कम 50 प्रतिशत शामिल होता है। भारतीय तथा वैश्विक परिसंपत्ति की एफएमवी की गणना निर्धारित प्रणाली में होनी है।
3. आगे, अधिनियम की धारा 285क भारत में परिसंपत्ति अधिकार रखने वाली विदेशी कंपनी अथवा उद्यम के माध्यम से अथवा में भारतीय उद्यम पर प्रतिवेदी अनिवार्यता को अनिवार्य करता है। सूचना को प्रस्तुत किया जाना है तथा इसकी प्रणाली को भी निर्धारित किया जाना है।
4. इसलिए, विदेशी कंपनी अथवा उद्यम की परिसंपत्ति के एफएमवी की गणना की प्रणाली तथा भारतीय कंपनी द्वारा विवरणी अनिवार्यता आयकर नियम, 1962 के संशोधन के माध्यम से मुहैया किए जाने के लिए प्रस्तावित है। मसौदा नियम तथा प्रपत्र, जिस पर हितधारकों तथा जन साधारण की टिप्पणियां तथा सुझाव इस संबंध में र्इ-मेल पते ustpl1@nic.in पर 29 मर्इ, 2016 तक भेजे जा सकते है, निम्नानुसार है :
11पख : कुछ मामलों में परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत
(1) निर्दिष्ट तिथि के अनुसार परिसंपत्ति (वास्तविक तथा अवास्तविक) की उचित बाजार कीमत धारा 9 की उप-धारा (1) के वाक्यांश (i) के उद्देश्य से भारत के बाहर (तत्पश्चात् "विदेशी कंपनी अथवा उद्यम" के तौर पर संदर्भित) पंजीकृत अथवा निगमित एक उद्यम अथवा एक कंपनी द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संघटित हो तो इस नियम के प्रावधानों के अनुसार आंकी जाएगी।
(2) जहाँ परिसंपत्ति एक प्राधिकृत शेयर बाजार पर सूचित एक भारतीय कंपनी का शेयर है जो उप-नियम (2) हेतु संदर्भित मामला नहीं है, शेयर की उचित बाजार कीमत शेयर बाजार पर ऐसे शेयर का विचारनीय मूल्य होगा।
बशर्ते कि जहाँ शेयर शेयरधारण के भाग के तौर पर संघटित होते है जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उक्तकथित कंपनी के संबंध में प्रबंधन अथवा नियंत्रण के किसी अधिकार को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर प्रदान करता है, शेयर की उचित बाजार कीमत निम्नलिखित सूत्र के अनुसार निर्धारित की जाएगी जिसके नाम है :-
उचित बाजार कीमत = (क+ख)/ग
जहाँ
क = प्राधिकृत शेयर बाजार पर उद्धृत इसके शेयरों के विचारनीय मूल्य के आधार पर कंपनी का बाजारी पूंजीकरण
ख = निर्दिष्ट तिथि के अनुसार कंपनी की देयता की बही लागत
ग = शेष शेयरों की कुल संख्या
आगे मुहैया कराया जाता है कि जहाँ, निर्दिष्ट तिथि पर शेयर एक से अधिक प्राधिकृत शेयर बाजार पर सूचित होते है, तो शेयर का विचारनीय मूल्य प्राधिकृत शेयर बाजार जो अवधि, जो मूल्य निर्धारण के लिए विचारनीय है, के दौरान शेयर में व्यापार की सबसे अधिक मात्रा को रिकॉर्ड करता है, के संदर्भ में आंकी जाएगा।
(3) जहाँ परिसंपत्ति भारतीय कंपनी का शेयर है जो निर्दिष्ट तिथि पर प्राधिकृत शेयर बाजार में सूचित नहीं है, उचित बाजार कीमत ऐसी तिथि पर उचित बाजार कीमत होगी जैसा ऐसे निर्धारण में विचारित देयता, यदि हो, की वृद्धि तथा असहमति आधार पर शेयरों के मूल्यांकन के लिए किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मूल्यनिर्धारण कार्यप्रणाली के अनुसार एक व्यापारी बैंकर अथवा एक लेखागार द्वारा निर्धारितानुसार ऐसी तिथि पर उचित बाजार कीमत होगी।
(4) जहाँ परिसंपत्ति एक सहभागी फर्म में अथवा एक सीमित देयता सांझेदारी अथवा एक व्यक्तियों के संघ में हितकारी है तो उचित बाजार कीमत ऐसे निर्धारण में विचारित देयता, यदि हो, द्वारा वृद्धि तथा असहमति आधार पर शेयरों के मूल्यांकन के लिए किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मूल्यनिर्धारण कार्यप्रणाली के अनुसार एक व्यापारी बैंकर अथवा एक लेखागार द्वारा निर्धारितानुसार ऐसी तिथि पर उचित बाजार कीमत होगी।
(5) उप-नियम (2), (3) तथा (4) में सदंर्भित को छोड़कर परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत अनुमानित कीमत होगी जो वसूली जाएगी यदि ऐसे अनुमान में विचारी गर्इ देयता, यदि हो, द्वारा वृद्धि एक व्यापारी बैंक अथवा एक लेखाकार द्वारा से रिपोर्ट द्वारा निर्धारितानुसार निर्दिष्ट तिथि पर खुले बाजार में बेची जाती है।
(6) विदेशी कंपनी अथवा उद्यम की समस्त परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत निम्नलिखित तरीके में निर्धारित होगी, जिनके नाम है :-
(i) जहाँ विदेशी कंपनी अथवा उद्यम में ब्याज अथवा शेयर का स्थानांतरण दो व्यक्तियों के बीच होता है जो संबंधित व्यक्ति नहीं है तथा शेयर अथवा ब्याज के स्थानांतरण के लिए विचार अंतर्राष्ट्रीय साख के लेखागार अथवा व्यापारी बैंकर द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित होती है तो विदेशी बाजार अथवा उद्यम की समस्त परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत ऐसी रिपोर्ट में निर्धारित कीमत होगी जैसा देयता, यदि हो, की कुल राशि द्वारा बढ़ाया गया हो जिसे ऐसे प्रतिफल के निर्धारण के लिए परिसंपत्ति की लागत की गणना के लिए कम किया गया है
(ii) किसी अन्य मामले में -
(क) जहाँ, निर्दिष्ट तिथि के अनुसार, विदेशी कंपनी अथवा उद्यम के शेयर, शेयर बाजार पर अधिसूचित होते है तो विदेशी कंपनी अथवा उद्यम द्वारा खरीदी गर्इ समस्त संपत्ति की उचित बाजार कीमत निम्नलिखित सूत्र के अनुसार निर्धारित होगी, जिनके नाम है :-
समस्त परिसंपत्तियों की उचित बाजार कीमत = क+ख
जहाँ,
क = शेयर बाजार जहाँ विदेशी कंपनी अथवा उद्यम की देयता की बही लागत अधिसूचित है, पर शेयर की विचारनीय राशि के आधार पर आंकी गर्इ विदेशी कंपनी अथवा उद्यम की बाजार पूंजी
ख = निर्दिष्ट तिथि के अनुसार कंपनी अथवा उद्यम की देयता की बही लागत
बशर्ते कि जहाँ, निर्दिष्ट तिथि के अनुसार, शेयर एक से अधिक शेयर बाजार पर अधिसूचित है तो उक्तकथित सूत्र में विचारनीय मूल्य शेयर बाजार के संबंध में होगा जो अवधि जो मूल्य निर्धारण के लिए निर्धारणीय है, के दौरान शेयर में व्यापार की उच्चतम लागत को रिकॉर्ड करता है
(ख) जहाँ, निर्दिष्ट तिथि के अनुसार, विदेशी कंपनी अथवा उद्यम में शेयर एक शेयर बाजार पर अधिसूचित नहीं होता, विदेशी कंपनी अथवा उद्यम द्वारा खरीदी गर्इ समस्त परिसंपत्तियां निम्नलिखित सूत्र के अनुसार निर्धारित होगी :
समस्त परिसंपत्तियों की उचित बाजारी कीमत = क+ख
जहाँ,
क = अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत सबसे उपयुक्त मूल्यांकन विधि के अनुसार व्यापारी बैंकर अथवा एक लेखागार द्वारा निर्धारितानुसार समेकित आधार पर विदेशी कंपनी अथवा उद्यम अथवा इसकी सहायक कंपनियों की उचित बाजार कीमत
ख = निर्दिष्ट तिथि के अनुसार कंपनी अथवा उद्यम की देयता की बही राशि
(7) भारत में स्थित तथा रूपए में अभिव्यक्त परिसंपत्ति की लागत के विदेशी मुद्रा में गणना के लिए विनिमय की दर निर्दिष्ट तिथि के अनुसार ऐसी मुद्रा की तार अंतरण क्रय दर होगी
स्पष्टीकरण : इस नियम तथा नियम 11पग के उद्देश्य से
(i) "तार अंतरण क्रय दर" का अर्थ होगा जैसा नियम 26 के स्पष्टीकरण में निर्दिष्ट है
(ii) "विचारनीय मूल्य" शेयर बाजार पर उद्धृत शेयर के संबंध में निम्नलिखित का उच्चतम है
(क) निर्दिष्ट तिथि की उत्तरगामी छह माह के दौरान कथित विनिमय पर उद्धृत शेयरों के साप्ताहिक उच्चतम तथा निचले समाप्ति मूल्य का औसत अथवा
(ख) निर्दिष्ट तिथि की उत्तरगामी दो सप्ताहों के दौरान कथित विनिमय पर उद्धृत शेयरों के साप्ताहिक उच्चतम तथा निचले समाप्ति मूल्य का औसत अथवा
(iii) "देयता की बही लागत" का अर्थ र्इक्विटी शेयर/सदस्य हित के संबंध में प्रदत्त पूंजी को छोड़कर कंपनी अथवा उद्यम, जो भी स्थिति हो, के तुलन-पत्र में दर्शार्इ गर्इ देयता की लागत है
(iv) "निर्दिष्ट तिथि" का अर्थ होगा जैसा धारा 9 की उपधारा (1) के वाक्यांश (i) के स्पष्टीकरण के वाक्यांश (घ) में निर्दिष्ट है।
(v) शब्द "लेखापाल", "व्यापारी बैंकर" तथा "प्राधिकृत शेयर बाजार" का अर्थ होगा जैसा उसके लिए नियम 11प में निर्दिष्ट किया गया है।
(vi) "तुलन पत्र,"
(क) एक भारतीय कंपनी के संबंध में, का अर्थ निर्दिष्ट तिथि पर तैयार करने के अनुसार ऐसी कंपनी (वहां अनुबद्ध टिप्पणी तथा खाते के अभिन्न अंग सहित) का तुलन पत्र है जिसे प्रभावी कंपनियों से संबंधित कानूनों के अंतर्गत नियुक्त कंपनी के लेखागार द्वारा अंकेक्षित किया गया हो तथा जहाँ निर्दिष्ट तिथि पर तुलन पत्र को तैयार न किया गया हो, निर्दिष्ट तिथि की तुरंत उत्तरगामी तिथि के अनुसार तैयार किए गए तुलन पत्र (वहां अनुबद्ध टिप्पणी तथा खाते के अभिन्न अंग सहित) जिसे कंपनी के खाताधारकों की वार्षिक सामान्य बैठक में प्राप्त तथा अनुमोदित किया गया हो।
(ख) किसी अन्य स्थिति में, का अर्थ है निर्दिष्ट तिथि पर तैयार करने के अनुसार कंपनी अथवा उद्यम (वहां अनुबद्ध टिप्पणी तथा खाते के अभिन्न अंग सहित) अथवा निर्दिष्ट तिथि की तुरंत उत्तरगामी तिथि के अनुसार तैयार किए गए तुलन पत्र जिसे राष्ट्र जिसमें विदेशी कंपनी अथवा उद्यम निगमित अथवा संस्थापित है, के प्रभावी कानूनों के अंतर्गत भारत से बाहर के प्रासंगिक प्राधिकारियों को जमा किया गया हो
11पग : भारत में परिसंपत्ति हेतु रोप्य आय का निर्धारण
(1) धारा 9 की उप-धारा (1) के वाक्यांश (i) हेतु संदर्भित एक कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा शेयर के भारत से बाहर स्थानांतरित करने से आय, भारत में स्थित परिसंपत्ति हेतु रोप्य, निम्नलिखित फार्मूले के अनुसार निर्धारित की जाएगी जिसका नाम है :-
क × | ख | |
ग |
क = अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा शेयर के स्थानांतरण से आय जैसे कि शेयर अथवा हित भारत में स्थित हो
ख = नियम 11पख के अनुसार आंकी गर्इ निर्दिष्ट तिथि के अनुसार भारत में स्थित परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत, जिसके द्वारा क में संदर्भित शेयर अथवा हित इसकी राशि को वास्तव में प्राप्त करता है
ग = नियम 11पख के अनुसार आंकी गर्इ निर्दिष्ट तिथि के अनुसार कंपनी अथवा उद्यम की समस्त परिसंपत्ति की उचित बाजार कीमत
बशर्ते कि यदि हित अथवा के शेयर के स्थानांतरण से कंपनी अथवा उद्यम सूचना जो उक्त कथित सूत्र के प्रयोग के लिए अनिवार्य है, को मुहैया कराने में विफल होता है तो ऐसे शेयर अथवा हित के स्थानांतरण से पूर्ण आय भारत में स्थित परिसंपत्ति हेतु रोप्य समझा जाएगा।
(2) एक कंपनी अथवा उद्यम जो भारत में स्थित परिसंपत्ति से वस्तुत राशि को प्राप्त करती है, के शेयर अथवा में हित के स्थानांतरणकर्ता सूत्र के अनुसार विभाजन के आधार को मुहैया कराते हुए लेखागार द्वारा विधिवत रूप से हस्ताक्षरित तथा सत्यापित एक रिपोर्ट की आय की विवरणी सहित प्राप्त तथा प्रस्तुति करेगा तथा प्रमाणित करेगा कि भारत में स्थित परिसंपत्ति हेतु रोप्य आय सही रूप से आंकी गर्इ है।
114घख धारा 285ख के अंतर्गत प्रस्तुत किए जाने वाली सूचना अथवा दस्तावेज
(1) धारा 285क में संदर्भित प्रत्येक भारतीय सम्बन्धी, कथित धारा के उद्देश्य के लिए, इस नियम के अनुसार सूचना तथा दस्तावेजों को प्रस्तुत करेगा
(2) सूचना वित्तीय वर्ष जिसमें धारा 9 के उप-धारा (1) के वाक्यांश (i) के स्पष्टीकरण हेतु संदर्भित भारत (तत्पश्चात् "विदेशी कंपनी अथवा हित" के तौर पर संदर्भित) से बाहर निगमित एक कंपनी अथवा उद्यम के शेयर अथवा हित को कोर्इ स्थानांतरण हुआ हो, की समाप्ति से नब्बे दिनों की अवधि के भीतर भारतीय उद्यम पर क्षेत्राधिकार रखने वाले निर्धारण अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर के अंतर्गत इलैक्ट्रानिक रूप से प्रपत्र 49घ को प्रस्तुत करेगा
बशर्ते कि जहाँ शेयर अथवा हित के संबंध में लेनदेन का भारतीय उद्यम के संबंध में प्रबंधन अथवा नियंत्रण के अधिकार के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष स्थानांतरित प्रभाव था, सूचना लेनदेन के तीस दिनों के भीतर कथित प्रपत्र में प्रस्तुत किया जाएगा
(3) भारतीय उद्यम निम्न (एक अंग्रेजी अनुवाद तैयार किया जाए यदि मूल दस्तावेजों को विदेशी भाषा में तैयार किया जाता है) का अनुरक्षण करेगा तथा उसे प्रस्तुत करेगा जब उप-नियम (2) के अंतर्गत प्रस्तुत सूचना की पुष्टि हेतु किसी कार्यवाही की अवधि में किसी आयकर प्राधिकारी द्वारा ऐसा करने के लिए कहा जाए, जिनके नाम है
(i) भारतीय कंपनी की निकटतम स्वामित्व कंपनी अथवा उद्यम, मध्यवर्ती स्वामित्व कंपनी अथवा कंपनियां अथवा उद्यम अथवा उद्यमों तथा अंतिम स्वामित्व कंपनी अथवा उद्यम का विवरण
(ii) जिस समूह की भारतीय कंपनी घटक है, उसके भारत में अन्य उद्यमों का विवरण
(iii) स्थानांतरण से पहले तथा उसके पश्चात् विदेशी कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा के शेयर का संघटन ढ़ांचा
(iv) किसी विदेशी कंपनी अथवा उद्यम जो भारतीय कंपनी में अथवा के द्वारा भारत में किसी परिसंपत्ति का संघटन करता है, में हित अथवा के शेयर के संबंध में प्रविष्टि कोर्इ स्थानांतरण अनुबंध अथवा समझौता
(v) विदेशी कंपनी अथवा उद्यम जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से शेयर अथवा हित के स्थानांतरण की तिथि से पूर्व दो वर्षों के लिए भारतीय कंपनी में अथवा के माध्यम से भारत में परिसंपत्ति का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संघटन करता है, का वित्तीय तथा लेखांकन विवरण
(vi) स्थानांतरण की समग्र व्यवस्था के निर्णय अथवा कार्यान्वयन प्रक्रिया से संबंधित सूचना
(vii) निम्न से संबंधित सूचना
(क) व्यापार संचालन
(ख) कर्मी
(ग) वित्त तथा संपत्तियां
(घ) विदेशी कंपनी अथवा उद्यम को स्थानांतरित किए जा रहे शेयर अथवा हित तथा इसकी सहायक कंपनी जो भारतीय कंपनी में अथवा के माध्यम से स्थित परिसंपत्ति को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष से धारित करता है, के संबंध में विचारनीय के अभिन्न अंग की मूल्यांकन रिपोर्ट, यदि हो, अथवा आंतरिक तथा बाहरी लेखा परीक्षा
(vii) स्थानांतरित किए जा रहे शेयर अथवा ब्याज के स्थिति के स्थान को निर्धारित करने के लिए परिसंपत्ति मूल्यांकन रिपोर्ट तथा अन्य समर्थित प्रमाण;
(ix) भारत के बाहर कर के भुगतान का विवरण, जो शेयर अथवा ब्याज के स्थानांतरण से संबंधित है।
(x) समर्थित दस्तावेज के साथ व्यापारी बैंकर अथवा लेखागार द्वारा विधिवत रूप से प्रमाणित भारतीय परिसंपत्तियों तथा कुल परिसंपत्तियों के संबंध में मूल्यांकन रिपोर्ट
(xi) दस्तावेज जो अनुसरित की जाने वाली लेखांकन अभ्यायों के अंतर्गत लेनदेनों के संबंध में जारी होते है
(4) प्रधान आयकर महानिदेशक (पद्धति) अथवा आयकर महानिदेशक (पद्धति), जो भी स्थिति हो, प्रपत्र सं. 49घ को दाखिल करने की प्रक्रिया का निर्दिष्ट करेंगे तथा इस नियम के अंतर्गत ऐसी प्रस्तुत की जाने वाली सूचना के संबंध में उपयुक्त सुरक्षा, पुरालेख तथा पुर्न प्राप्ति नीतियों को उद्विकास तथा कार्यान्वयन के लिए भी उत्तरदायी होगा।
(5) उप-नियम (3) में निर्दिष्ट सूचना तथा दस्तावेज प्रासंगिक मूल्यांकन वर्ष की समाप्ति से आठ वर्षों की अवधि के लिए रखे तथा अनुरक्षित रखे जाऐंगे
(i) "अंतिम धारण कपंनी अथवा उद्यम" का अर्थ एक कंपनी अथवा उद्यम जिसका भारतीय कंपनी पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अंतिम नियंत्रण है तथा ऐसी कंपनी अथवा उद्यम स्वयं अन्य किसी कंपनी अथवा उद्यम से नियंत्रित अथवा सहायक नहीं है।
(ii) "अंतिम धारण कपंनी अथवा उद्यम" का अर्थ एक कंपनी अथवा उद्यम जिसका अन्य कंपनी अथवा उद्यम में नियंत्रण हित है तथा स्वयं अन्य कंपनी अथवा उद्यम की सहायक अथवा द्वारा नियंत्रित होती है।
(iii) "अंतिम धारण कपंनी अथवा उद्यम" का अर्थ कंपनी अथवा उद्यम जो भारतीय कंपनी में नियंत्रण ब्याज को प्रत्यक्ष रूप से अनुरक्षित करता है
5. निम्नलिखित प्रपत्रों को मुहैया कराने के लिए प्रस्तावित किया गया है :
(क) प्रपत्र सं. 3गन
(नियम 11पग देखें)
आयकर नियम, 1961 की धारा 9 के अंतर्गत भारत में स्थित परिसंपत्ति हेतु रोप्य आय
मैंने/हमने .................... को समाप्त हुए पिछले वर्ष के दौरान धारा 9 की उप-धारा (1) के वाक्यांश 5 के स्पष्टीकरण के संदर्भ में ........................................(भारत से बाहर निगमित कंपनी अथवा उद्यम का नाम) शेयर के अथवा हित के किए जा रहे स्थानांतरण के का पैन.........................रखने वाले मैसर्स ** (निर्धारिती का नाम तथा पता) के अकाउंट तथा रिकार्ड की जांच की है
* मैंने/हमने समस्त सूचना तथा स्पष्टीकरणों को प्राप्त किया है जो जहाँ तक मुझे ज्ञात है भारत में स्थित परिसंपत्ति हेतु रोप्य कथित निर्धारिती की आय की जांच करने के उद्देश्य से आवश्यक थे
मैंने/हमने प्रमाणित किया है कि निर्धारण वर्ष....................................के संबंध में उक्त निर्दिष्ट कंपनी/उद्यम* में शेयर/हित के स्थानांतरण पर निर्धारिती को भारत में उत्पन्न अथवा प्राप्त समझी गर्इ आय रू. .................................है जिसे इस प्रपत्र हेतु परिशिष्ट में दिए गए विवरण के आधार पर हल निकाला गया है। मेरे/हमारे ' विचार में तथा मेरी/हमारी* सर्वश्रेष्ठ सूचना तथा मुझे/हमें* दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार परिशिष्ट में दिए गए विवरण सत्य तथा सही है।
तिथि
हस्ताक्षर
लेखागार
सदस्यता सं. ...................
1. शेयर अथवा हितों के स्थानांतरण के लिए प्राप्त प्रतिफल का विवरण
क्र.सं. | कंपनी/उद्यम का नाम | स्थानांतरित शेयर/हित की मात्रा | शेयर/हित के अधिग्रहण की लागत | स्थानांतरण की तिथि | प्राप्त प्रतिफल |
2. शेयर अथवा हितों के स्थानांतरण से प्राप्त आय (कंपनी/उद्यम वार विवरण) रू. ............................
3. भारत में स्थित परिसंपत्ति की लागत जिसके द्वारा शेयर अथवा हित अपनी लागत प्राप्त करते है (कंपनी/उद्यम वार विवरण) रू. ............................
4. कंपनी अथवा उद्यम की वैश्विक परिसंपत्ति की लागत (उद्यम वार विवरण) : रू. ............................
5. भारत में स्थित परिसंपत्तियों हेतु रोप्य आय (उद्यम वार विश्लेषण तथा योग) रू. ............................
6. मद 3 तथा 4 में परिसंपत्तियों की लागत पर आने के लिए नियोजित विधि का विवरण
7. निर्भर दस्तावेजों तथा मूल्यांकन रिपोर्ट, यदि हो, का विवरण
8. किसी की गर्इ परिकल्पना सहित टिप्पणियां
(ख)
प्रपत्र सं. 49घ
(नियम 114घख देखें)
धारा 285क के अंतर्गत एक भारतीय कंपनी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली सूचना तथा दस्तावेज
सेवा में
निर्धारण अधिकारी
..................................
..................................
भाग क
1. | भारतीय कंपनी का नाम तथा पता | |
2. | स्थिति (चाहे कंपनी, एलएलपी/फर्म/स्थार्इ संस्थापन आदि हो) | |
3. | आवासीय स्थिति | |
4. | स्थार्इ खाता संख्या | |
5. | पूर्व वर्ष | |
6. | निर्धारण वर्ष | |
7. |
निकटतम संघटन उद्यम, मध्यवर्ती संघटन उद्यम तथा अंतिम संघटन उद्यम का विवरण (क) निकटतम संघटन उद्यम (क) नाम (ख) निर्गमन का राष्ट्र (ग) राष्ट्र जिसका यह कर निवासी है (ख) मध्यवर्ती संघटन उद्यम (क) नाम (ख) निर्गमन का राष्ट्र (ग) राष्ट्र जिसका यह कर निवासी है (ग) अंतिम संघटन उद्यम (क) नाम (ख) निर्गमन का राष्ट्र (ग) राष्ट्र जिसका यह कर निवासी है | |
8. |
(क) क्या किसी कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा के शेयर भारत में स्थित परिसंपत्ति से वस्तुत: इसकी राशि को प्राप्त करता है, जो भारतीय कंपनी के माध्यम से अथवा में संघटित है (ख) यदि हां, कंपनी(यों) अथवा उद्यम(मों) का विवरण दें | हाँ/नहीं |
भाग ख
(प्रबंधन अथवा नियंत्रण के अधिकार के स्थानांतरण के परिणामस्वरूप लेनदेन की रिपोर्ट को दाखिल किए जाने के लिए)
9. |
चाहे 8 में संदर्भित किए जाने वाली किसी कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा शेयर के संबंध में किसी लेनदेन का भारतीय कंपनी पर नियंत्रण अथवा प्रबंधन के अधिकार के स्थानांतरण का प्रभाव है यदि हां तो विवरण दें
(i) कंपनी अथवा उद्यम का नाम (ii) ऐसे लेनदेन के लिए विचार सहित लेनदेनों का विवरण (iii) पते सहित स्थानांतरणकर्ता का नाम (iv) स्थानांतरण के उत्तरगामी 12 माह की अवधि के दौरान स्थानांतरणकर्ता के संघटन के प्रतिशत सहित स्थानांतरित शेयर/ब्याज प्रतिशत (v) पते के साथ अंतरिति का विवरण (vi) स्थानांतरण से पूर्व तथा उसके पश्चात् कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा के शेयर के संबंध में संघटन संरचना (vii) कंपनी अथवा उद्यम का वित्तीय तथा लेखांकन विवरण (viii) स्थानांतरित किए जा रहे शेयर अथवा ब्याज के स्थल के निर्धारण का आधार (ix) स्थानांतरण की तिथि से तुरंत पूर्व भारतीय उद्यम की परिसंपत्ति का मूल्य तथा बटवारा (x) कंपनी अथवा उद्यम की परिसंपत्ति के मूल्यांकन के आधार (xi) मद (viii) तथा (x) के संबंध में समर्थित दस्तावेजों का विवरण
| हाँ/नहीं |
भाग ग
(पिछले वर्ष के दौरान शेयर/ब्याज के स्थानांतरण के संबंध में सूचना के प्रतिवेदन के लिए भरे जाने हेतु)
10 |
(क) चाहे 8 में संदर्भित किए जाने वाली कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा शेयर को पिछले वर्ष के दौरान स्थानांतरित किया गया हो, आय जिससे यह धारा 9(1) के प्रावधानों के अंतर्गत भारत में उत्पन्न अथवा व्युत्पन्न होने के तौर समझी जाती है (ख) यदि हां तो विवरण दें (i) कंपनी अथवा उद्यम का नाम (ii) लेनदेन (नों) का विवरण (iii) पते सहित स्थानांतरणकर्ता का नाम (iv) स्थानांतरण के उत्तरगामी 12 माह की अवधि के दौरान स्थानांतरणकर्ता के संघटन के प्रतिशत सहित स्थानांतरित शेयर/ब्याज प्रतिशत (v) कंपनी अथवा उद्यम की कुल परिसंपत्ति का मूल्य (vi) पते सहित अंतरिति का विवरण | हाँ/नहीं |
11 |
(ख) चाहे 8 में संदर्भित किए जाने वाली कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा शेयर के संबंध में कोर्इ लेनदेन का भारतीय कंपनी पर प्रबंधन अथवा नियंत्रण के लेनदेन अधिकार का प्रभाव है यदि हाँ तो विवरण दें
(i) कंपनी अथवा उद्यम का नाम (ii) प्रतिफल के साथ लेनदेनों का विवरण (iii) पते सहित स्थानांतरणकर्ता का नाम (iv) स्थानांतरण के उत्तरगामी 12 माह की अवधि के दौरान स्थानांतरणकर्ता के संघटन के प्रतिशत सहित स्थानांतरित शेयर/ब्याज प्रतिशत (v) पते सहित अंतरिती का नाम (vi) क्या प्रपत्र 49घ को लेनदेन के संबंध में प्रस्तुत किया था यदि हाँ तो प्रपत्र 49घ को प्रस्तुत करने की तिथि ................/............./....... यदि नहीं, (क) प्रपत्र 49घ को प्रस्तुत न करने का कारण (ख) निम्नलिखित विवरणों की प्रस्तुति
(i) अंतरिती के बाद अथवा पश्चात् कंपनी अथवा उद्यम से पूर्व में हित अथवा शेयर के संबंध में संघटन चार्ट
(ii) कंपनी अथवा उद्यम के वित्तीय तथा लेखांकन विवरण (iii) कंपनी अथवा उद्यम में हित अथवा शेयर की स्थिति निर्धारण के आधार पर (iv) स्थानांतरण की तिथि से तुरंत पूर्व भारतीय उद्यम की परिसंपत्ति का ब्यौरा तथा राशि | हाँ/नहीं |
12 |
भारतीय कंपनी की परिसंपत्ति की राशि तथा ब्यौरा (i) वर्ष के प्रारंभ में (ii) वर्ष की समाप्ति पर | |
13 | मद 10(v), 11(ख) (iii) तथा (iv) तथा 12 में संदर्भित परिसंपत्ति के मूल्यांकन के आधार पर | |
14 | मद 10(v), 11(ख) (iii) तथा (iv) तथा 12 में समर्थित दस्तावेजों का ब्यौरा |