अस्वीकरण:

इस दस्तोवज में मौजूद विषय केवल जानकारी के लिए है। इसका उद्देश्य जनता तक सूचना को जल्द और आसानी से पहुंचाना है और इसे कानूनी दस्तोवजों के तौर पर नही समझा जाना चाहिए।

 

जनता को सलाह दी जाती है कि विषय का सत्यापन सरकारी अधिनियमों/नियमों/अधिसूचनाओं आदि से करें।

कर की दरें

1. व्यक्ति (निवासी अथवा अनिवासी) अथवा हिंदु अविभाजित परिवार अथवा व्यक्तियों के संघ अथवा व्यक्तियों की निकाय अथवा अन्य किसी कृत्रिम कानूनी व्यक्ति की स्थिति में

व्यक्ति

(वरिष्ठ एवं अति वरिष्ठ नागरिक को छोड़कर)

शुद्ध आय श्रेणी आयकर की दर
निर्धारण वर्ष 2026-27 निर्धारण वर्ष 2025-26
रू. 2,50,000 तक - -
रू. 2,50,000 से रू. 5,00,000 तक 5 प्रतिशत 5 प्रतिशत
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक 20 प्रतिशत 20 प्रतिशत
रू. 10,00,000 से अधिक 30 प्रतिशत 30 प्रतिशत

(निवासी वरिष्ठ नागरिक)

(जो पिछले वष के दौरान किसी भी समय 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है)

शुद्ध आय श्रेणी आयकर की दर
निर्धारण वर्ष 2026-27 निर्धारण वर्ष 2025-26
रू. 3,00,000 तक - -
रू. 3,00,000 से रू. 5,00,000 तक 5 प्रतिशत 5 प्रतिशत
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक 20 प्रतिशत 20 प्रतिशत
रू. 10,00,000 से अधिक 30 प्रतिशत 30 प्रतिशत

(निवासी अति वरिष्ठ नागरिक)

(जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है)

शुद्ध आय श्रेणी आयकर की दर
निर्धारण वर्ष 2026-27 निर्धारण वर्ष 2025-26
रू. 5,00,000 तक    
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक 20 प्रतिशत 20 प्रतिशत
रू. 10,00,000 से अधिक 30 प्रतिशत 30 प्रतिशत

हिंदु अविभाजित परिवार (एओपी, बीओआई और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति सहित)

शुद्ध आय श्रेणी आयकर की दर
निर्धारण वर्ष 2025-26 निर्धारण वर्ष 2024-25
रू. 2,50,000 तक    
रू. 2,50,000 से रू. 5,00,000 तक 5 प्रतिशत 5 प्रतिशत
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक 20 प्रतिशत 20 प्रतिशत
रू. 10,00,000 से अधिक 30 प्रतिशत 30 प्रतिशत

जोड़ें :

क. अधिभार : अधिभार निम्नलिखित दरों पर आयकर की राशि पर लगाया जाता है यदि एक निर्धारिती की कुल आय निर्दिष्ट सीमा से अधिक हो

अधिभार की दर

आय की श्रेणी

रू. 50 लाख से रू. 1 करोड रू. 1 करोड़ से रू. 2 करोड़ रू. 2 करोड़ से रू. 5 करोड़ रू. 5 करोड़ से अधिक
10 प्रतिशत 15 प्रतिशत 25 प्रतिशत 37 प्रतिशत

टिप्पणी :

(1) 25 प्रतिशत व 37 प्रतिशत, जो भी हो, की दर से बढ़ाया गया अधिभार धारा 111क, 112क और 115कघ के अंतर्गत कर हेतु वसूली गई आय से नही वसूला जाता। इसलिए ऐसी आय पर देययोग्य कर पर अधिभार की अधिकतम दर 15 प्रतिशत होगी।

2. एक कंपनी के तौर पर सभी सदस्यों के साथ एओपी की अधिभार संबंधी दर 15 प्रतिशत तक सीमिति होगी

1) अधिभार की दर शून्य है यदि धारा 10(4घ) में संदर्भित एक श्निर्दिष्ट फंडश् की कुल आय में धारा 115कघ(1)(क) के अंतर्गत दी गई प्रतिभूतियों के संदर्भ में कोई आय शामिल है।

मामूली राहत निम्नलिखित तरीके में अधिभार से उपलब्ध है -

  i.  जहां शुद्ध आय रू. 50 लाख से अधिक हो लेकिन 1 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली राशि आय जो रू. 50 लाख से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 50 लाख की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

 ii.  जहां शुद्ध आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 2 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

iii. यदि जहां शुद्ध आय रू. 2 करोड़ से अधिक है लेकिन रू. 5 करोड़ से कम है तो मामूली राहत इस तरीके से अधिभार द्वारा उपलब्ध होगी कि आयकर और अधिभार के तौर पर देययोग्य राशि आय जो रू. 2 करोड़ से अधिक है, की राशि से अधिक रू. 2 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी

iv. यदि जहां शुद्ध आय रू. 5 करोड़ से अधिक है तो मामूली राहत इस तरीके से अधिभार द्वारा उपलब्ध होगी कि आयकर और अधिभार के तौर पर देययोग्य राशि आय जो रू. 5 करोड़ से अधिक है, की राशि से अधिक रू. 5 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी

ख. स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर अधिभार सहित आयकर की राशि पर 4 प्रतिशत की दर पर लगाया जाता है

टिप्पणी :

1) स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर शून्य है यदि एक ‘निर्दिष्ट फंड’ की कुल आय, जैसा धारा 10(4घ) में संदर्भित है, में प्रतिभूतियों के संदर्भ में किसी प्रकार की आय शामिल है जैसा धारा 115कघ(1)(क) के अंतर्गत दिया गया है।

2) एक घरेलू व्यक्ति (जिसकी शुद्ध आय रू. 5,00,000 से अधिक नही है) वह धारा 87क के अंतर्गत छूट का लाभ ले सकता है। यह शिक्षा उपकर की गणना से पूर्व आयकर से काटा जाता है। छूट की राशि आयकर का 100 प्रतिशत या रू. 12,500, जो भी कम हो, है।

वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी)

एक व्यक्ति वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गई उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय ऐसे व्यक्ति की आय के तौर पर ली जाती है और वह ऐसी समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।

हालांकि, एएमटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की ईकाई के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।

1.1 व्यक्ति, एचयूएफ, एओपी, बीओआई या एजेपी के लिए विशेष कर संबंधी दर

वित्त अधिनियम 2020 के माध्यम से धारा 115खकग को शामिल किया गया है जो निर्धारण वर्ष 2021-22 से प्रभावी है ताकि व्यक्ति या एक हिंदु अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के मामले में कम कर की दर देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान की जा सके। वित्त अधिनियम, 2023 के माध्यम से इस व्यवस्था का दायरा एओपी, बीओआई और एजेपी तक भी बढ़ाया गया है और इसे एक डिफाल्ट की व्यवस्था बनाता है। हालांकि एक निर्धारिती को इस व्यवस्था के तहत कम कर की दरों का लाभ लेने के लिए विभिन्न छूटों और कटौतियों को छोड़ना होगा।

इस नई कर व्यवस्था के अंतर्गत कर की दरें निम्नानुसार है :

निर्धारण वर्ष 2025-26

कुल आय (रू.) दर
रू. 3,00,000 तक शून्य
रू. 3,00,001 से रू. 7,00,000 5 प्रतिशत
रू. 7,00,001 से रू. 10,00,000 तक 10 प्रतिशत
रू. 10,00,001 से रू. 12,00,000 15 प्रतिशत
रू. 12,00,001 से रू. 15,00,000 20 प्रतिशत
रू. 15,00,000 से अधिक 30 प्रतिशत

निर्धारण वर्ष 2026-27 के लिए

शुद्ध आय श्रेणी कर श्रेणी
4,00,000 तक शून्य
रू. 4,00,001 से रू. 8,00,000 तक 5 प्रतिशत
रू. 8,00,001 से रू. 12,00,000 तक 10 प्रतिशत
रू. 12,00,001 से रू. 16,00,000 तक 15 प्रतिशत
रू. 16,00,001 से रू. 20,00,000 तक 20 प्रतिशत
रू. 20,00,001 से रू. 24,00,000 तक 25 प्रतिशत
रू. 24,00,000 से अधिक 30 प्रतिशत

जोड़ें: 

अधिभार : अधिभार निम्नलिखित दरों पर आयकर की राशि पर लगाया जाएगा यदि एक निर्धारिती की कुल आय निर्दिष्ट सीमा से अधिक हो :

 
आय की श्रेणी
रू. 50 लाख से रू. 1 करोड़ तक रू. 1 करोड़ से रू. 2 करोड़ तक रू. 2 करोड़ से रू. 5 करोड़ तक रुपये से अधिक. 5 करोड़
10 प्रतिशत 15 प्रतिशत 25 प्रतिशत 25 प्रतिशत

टिप्पणी : 25 प्रतिशत का बढ़ाया गया अधिभार धारा 111क, 112, 112क और 115कघ(1)() के अंतर्गत कर हेतु वसूलनीय आय से नही लगाया जाता। इसलिए, ऐसी आयों पर देययोग्य कर पर अधिभार की अधिकतम दर 15 प्रतिशत होगी।

इसके अलावा, यदि धारा 10(4घ) में संदर्भित 'निर्दिष्ट निधि' की कुल आय में धारा 115कघ(1)(क) के तहत दी गई प्रतिभूतियों के संबंध में कोई आय शामिल है तो अधिभार दर शून्य है।

हालांकि अधिभार से थोड़ी राहत निम्नलिखित तरीके में उपलब्ध हैं

  i)  जहां शुद्ध आय रू. 50 लाख से अधिक हो लेकिन 1 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 50 लाख से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 50 लाख की आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

 ii)  जहां शुद्ध आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 2 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

iii)  जहां शुद्ध आय रू. 2 करोड़ से अधिक हो लेकिन 5 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 2 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 2 करोड़ की आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर आयकर की राशि के 4 प्रतिशत साथ ही साथ अधिभार पर लगाया जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर शून्य है यदि निर्दिष्ट फंड की कुल आय शून्य है जैसा धारा 10(4घ) में निर्दिष्ट है जिसमें धारा 115कघ(1)(क) के अंतर्गत दी गई प्रतिभूति के संदर्भ में कोई आय शामिल है।

टिप्पणियां :

(क) धारा 87क के अंतर्गत रू. 25,000 की अधिकतम छूट स्वीकार्य है। यदि एक निवासी व्यक्ति, जो धारा 115खकग(1क) के अंतर्गत नई कर योजना को चुनता है, की कुल आय रू. 7,00,000 तक है [निर्धारण वर्ष 2025-26 से लागू]

(ख) धारा 87क के अंतर्गत अधिकतम रू. 60,000 तक की छूट की अनुमति है यदि एक निवासी व्यक्ति, जिसने धारा 115खकग(1क) के अंतर्गत नई कर योजना को चुना है, की कुल आय रू. 12,00,000 तक है।

टिप्पणी : धारा 87क के अंतर्गत कुल छूट, धारा 115खकग(1क) में प्रदान की गई दरों के अनुसार देययोग्य आयकर की राशि से अधिक नही होगी (निर्धारण वर्ष 2026-27 से प्रभावी)

(ग) इसके अलावा, यदि धारा 115खकग(1क) के अंतर्गत कर हेतु वसूले जाने वाली निवासी व्यक्ति की कुल आय रू. 7 या 12 लाख से अधिक हो और ऐसी आय पर देययोग्य कर कुल आय और रू. 7 या 12 लाख के बीच के अंतर से अधिक हो तो वह ऐसी कुल आय और ऐसी आय जिसके द्वारा यह रू. 7 या 12 लाख से अधिक होती है पर दिए जाने वाले कर के बीच के अंतर की सीमा तक मामूली राहत के साथ दावा कर सकता है।

(घ) यदि एक निर्धारिती ने नई कर व्यवस्था को चुना हो तो एएमटी के प्रावधान लागू नही होंगे।

2. साझेदार फर्म

निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए एक साझेदार फर्म (एलएलपी सहित) 30 प्रतिशत की दर से करयोग्य है।

जोड़े :

क) अधिभार : आयकर की राशि ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)।

ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।

वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी)

एक सांझेदारी फर्म वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गई उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय ऐसे फर्म की आय के तौर पर ली जाती है और वह ऐसी समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।

हालांकि, एएमटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की ईकाई के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।

3. स्थानीय प्राधिकारी

एक स्थानीय प्राधिकारी 30% पर कर योग्य है।   

जोड़े :

क) अधिभार : आयकर की राशि ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)।

ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।

वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी)

एक सांझेदारी फर्म वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गई उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय ऐसी सांझेदारी फर्म की आय के तौर पर ली जाती है और वह ऐसी समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।

हालांकि, एएमटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की ईकाई के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।

4. घरेलू कंपनी

निर्धारण वर्ष 2026-27 व 2025-26 के लिए कंपनियों के मामले में लागू होने वाली आयकर की दरें निम्नानुसार है :

घरेलू कंपनी निर्धारण वर्ष 2026-27 निर्धारण वर्ष 2025-26
- जहां पिछले वर्ष 2022-23 के दौरान उसका कुल करोबार या कुल प्राप्तियां रू. 400 करोड़ से अधिक न हो लागू नहीं 25 प्रतिशत
- जहां पिछले वर्ष 2023-24 के दौरान उसका कुल करोबार या कुल प्राप्तियां रू. 400 करोड़ से अधिक न हो 25 प्रतिशत लागू नहीं
- कोई अन्य घरेलू कंपनी 30 प्रतिशत 30 प्रतिशत

जोड़े :

() अधिभार : आयकर की राशि को ऐसे कर के 7 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से कम और ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर बढ़ाई जाएगी यदि जहां कुल आय दस करोड़ से अधिक हो। अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा जो इस प्रकार है :

  (i)  जहां आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 10 करोड़ से कम तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

 (ii)  जहां आय रू. 10 करोड़ से अधिक हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 10 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 10 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

() स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।

न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी)

एक घरेलू कंपनी न्यूनतम वैकल्पिक कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गई उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 15 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में बही लाभ कंपनी की आय के तौर पर ली जाती है और यह ऐसे बही लाभ के 15 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।

हालांकि, एमएटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की ईकाई के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।

4.1 एक घरेलू कंपनी के लिए लागू होने वाली विशेष कर दर

घरेलू कंपनियों के मामले में लागू विशेष आयकर दरें इस प्रकार हैं:

घरेलू कंपनी

  ♦  जहां इसे धारा 115खक के लिए चुना जाता है

25 प्रतिशत

  ♦  जहां इसे धारा 115खकक के लिए चुना जाता है

22 प्रतिशत

  ♦  जहां इसे धारा 115खकख के लिए चुना जाता है

15 प्रतिशत

अधिभार : धारा 115खकक या धारा 115खकख के अंतर्गत करदेयता को चुनने वाली एकं कंपनी के मामले में अधिभार की दर कुल आय की राशि के बावजूद सीधे 10 प्रतिशत होगी।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर की राशि और लागू होने वाले अधिभार को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर गिने गए स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर द्वारा और बढ़ाया जाएगा।

एमएटी : घरेलू कंपनी जिसने धारा 115खकक115खकख के अंतर्गत विशेष कराधान व्यवस्था को चुना हो तो वह एमएटी के प्रावधानों से मुक्त है। हालांकि, वहां कोई छूट नही मिलेगी जहां धारा 115खक को चुना गया हो।

उस मामले में, न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के प्रावधान लागू होते हैं, देययोग्य कर धारा 115´ख के अनुसार आंके गए "बही लाभ" के 15 प्रतिशत (+HEC) से कम नही हो सकता। हालांकि, एमएटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की ईकाई और परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में ही अपनी आय प्राप्त करने वाली के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (अधिभर और उपकर ,जैसा लागू हो, सहित) की दर पर लगाया जाता है। एमएटी से संबंधित प्रावधानों के लिए, ट्यूटोरियल सेक्शन में "एमएटी/एएमटी" पर ट्यूटोरियल को संदर्भित करें।

5. विदेशी कंपनी

निर्धारण वर्ष 2025-26 और 2026-27

आय का प्रकार कर की दरें
31 मार्च 1961 के पश्चात् लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पूर्व भारतीय कंपनी के साथ किए गए समझौते के अनुसार सरकार अथवा भारतीय कंपनी द्वारा प्राप्त रॉयल्टी अथवा 29 फरवरी, 1964 के पश्चात् लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पूर्व किए गए समझौते के अनुसार तकनीकी सेवा प्रतिपादन के लिए शुल्क तथा जहां ऐसा समझौता किसी भी स्थिति में, केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया हो 50 प्रतिशत
अन्य कोई आय 40 प्रतिशत

 

आय का प्रकार Tax Rate
31 मार्च 1961 के बाद लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पहले भारतीय उद्यम के साथ किए गए समझौते के अनुसार सरकार या एक भारतीय उद्यम की ओर से प्राप्त रायॅल्टी या 29 फरवरी, 1964 के बाद लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पहले किए गए समझौते के अनुसार तकनीकी सेवाएं देने के लिए शुल्क और जहां ऐसे समझौता, किसी भी मामले में, केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया गया हो 50%
कोई अन्य आय 35%

जोड़े :

अधिभार : आयकर की राशि को ऐसे कर के 2 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से कम और ऐसे कर के 5 प्रतिशत की दर पर बढ़ाई जाएगी यदि जहां कुल आय दस करोड़ से अधिक हो। हालांकि, अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा जो इस प्रकार है :

  i)  जहां आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 10 करोड़ से कम तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

 ii)  जहां आय रू. 10 करोड़ से अधिक हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 10 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 10 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।

ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।

न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी)

एक विदेशी कंपनी न्यूनतम वैकल्पिक कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गई उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर बही लाभ के 15 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में बही लाभ कंपनी की आय के तौर पर लिया जाता है और इसे ऐसे बही लाभ के 15 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।

हालांकि, एमएटी विदेशी कंपनियों के मामले में लागू नही होता यदि इसका भारत में स्थाई प्रतिष्ठान (पीई) है या धारा 44ख, धारा 44खख, धारा 44खखक या धारा 44खखख की काल्पिनिक कराधान योजना को चुनता है।

6. सहकारी संस्था

निर्धारण वर्ष 2025-26 तथा निर्धारण वर्ष 2026-27

करयोग्य आय कुल दर
रू. 10,000 तक 10 प्रतिशत
रू. 10,000 से रू. 20,000 20 प्रतिशत
रू. 20,000 से अधिक 30 प्रतिशत

शामिल करें :

(क) अधिभार : आयकर की राशि ऐसे कर के 7 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से कम और ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर जहां कुल आय दस करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार मामूल राहत का विषय होगा।

ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।

टिप्पणी :

(क) एक सहकारी संस्था वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गई कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 15 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय सहकारी संस्था की आय के तौर पर लिया जाता है और इसे ऐसी समायोजित आय के 15 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।

(ख) यदि निर्धारिती एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र में स्थित ईकाई है और अपनी आय केवल परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है तो एएमटी की दर 9 प्रतिशत होगी।

6.1 सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक कर व्यवस्था

आयकर अधिनियम एक सहकारी समिति को निर्धारित शर्तों को पूरा करने के अधीन निम्नलिखित वैकल्पिक कराधान व्यवस्था से चुनने की अनुमति देता है:

धारा शर्तें कर की दर
धारा 115खकड़ • सहकारी समिति जो 01-04-2023 को या उसके बाद स्थापित और पंजीकृत हुई हो
• यह किसी वस्तु या वस्तु के निर्माण या उत्पादन में लगा हुआ है
• यह 31-03-2024 को या उससे पहले निर्माण शुरू करता है; और
• यह निर्दिष्ट छूट, प्रोत्साहन या कटौती का दावा नहीं करता है।
15 प्रतिशत (विनिर्माण गतिविधियों से आय)
धारा 115खकघ यदि सहकारी संस्था निर्दिष्ट छूट, प्रोत्साहन या कटौती का दावा न करती हो 22 प्रतिशत

जोड़े़:

(क) अधिभार: ऐसी सहकारी समिति की कुल आय पर ध्यान दिए बिना आयकर की राशि पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाता है।

(ख) स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के 4 प्रतिशत की दर पर गिने गए स्वास्यि और शिक्षा उपकर द्वारा और बढ़ाया जाएगा।

टिप्पणी:

(क) यदि एक सहकारी समिति ने धारा 115खकघ या धारा 115खकड़ के विकल्प का प्रयोग किया है, तो एएमटी के प्रावधान लागू नहीं होंगे। इसके अलावा, एएमटी क्रेडिट की गणना और अग्रेषण के प्रावधान भी लागू नहीं होंगे।

 

 

[वित्त अधिनियम, 2025 द्वारा संशोधित]