कर की दरें
1. व्यक्ति (निवासी अथवा अनिवासी) अथवा हिंदु अविभाजित परिवार अथवा व्यक्तियों के संघ अथवा व्यक्तियों की निकाय अथवा अन्य किसी कृत्रिम कानूनी व्यक्ति की स्थिति में
व्यक्ति
(वरिष्ठ एवं अति वरिष्ठ नागरिक को छोड़कर)
शुद्ध आय श्रेणी | आयकर की दर | |
निर्धारण वर्ष 2025-26 | निर्धारण वर्ष 2024-25 | |
रू. 2,50,000 तक | - | - |
रू. 2,50,000 से रू. 5,00,000 तक | 5 प्रतिशत | 5 प्रतिशत |
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक | 20 प्रतिशत | 20 प्रतिशत |
रू. 10,00,000 से अधिक | 30 प्रतिशत | 30 प्रतिशत |
(वरिष्ठ नागरिक)
(जो पिछले वष के दौरान किसी भी समय 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है)
शुद्ध आय श्रेणी | आयकर की दर | |
निर्धारण वर्ष 2025-26 | निर्धारण वर्ष 2024-25 | |
रू. 3,00,000 तक | - | - |
रू. 3,00,000 से रू. 5,00,000 तक | 5 प्रतिशत | 5 प्रतिशत |
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक | 20 प्रतिशत | 20 प्रतिशत |
रू. 10,00,000 से अधिक | 30 प्रतिशत | 30 प्रतिशत |
(अति वरिष्ठ नागरिक)
(जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है)
शुद्ध आय श्रेणी | आयकर की दर | |
निर्धारण वर्ष 2025-26 | निर्धारण वर्ष 2024-25 | |
रू. 5,00,000 तक | ||
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक | 20 प्रतिशत | 20 प्रतिशत |
रू. 10,00,000 से अधिक | 30 प्रतिशत | 30 प्रतिशत |
हिंदु अविभाजित परिवार (एओपी, बीओआई और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति सहित)
शुद्ध आय श्रेणी | आयकर की दर | |
निर्धारण वर्ष 2025-26 | निर्धारण वर्ष 2024-25 | |
रू. 2,50,000 तक | ||
रू. 2,50,000 से रू. 5,00,000 तक | 5 प्रतिशत | 5 प्रतिशत |
रू. 5,00,000 से रू. 10,00,000 तक | 20 प्रतिशत | 20 प्रतिशत |
रू. 10,00,000 से अधिक | 30 प्रतिशत | 30 प्रतिशत |
जोड़ें :
क. अधिभार : अधिभार निम्नलिखित दरों पर आयकर की राशि पर लगाया जाता है यदि एक निर्धारिती की कुल आय निर्दिष्ट सीमा से अधिक हो
अधिभार की दर
निर्धारण वर्ष 2025-26 | निर्धारण वर्ष 2024-25 | ||||||
आय की श्रेणी | आय की श्रेणी | ||||||
रू. 50 लाख से रू. 1 करोड़ | रू. 1 करोड़ से रू. 2 करोड़ | रू. 2 करोड़ से रू. 5 करोड़ | रू. 5 करोड़ से अधिक | रू. 50 लाख से रू. 1 करोड़ | रू. 1 करोड़ से रू. 2 करोड़ | रू. 2 करोड़ से रू. 5 करोड़ | रू. 5 करोड़ से अधिक |
10 प्रतिशत | 15 प्रतिशत | 25 प्रतिशत | 37 प्रतिशत | 10 प्रतिशत | 15 प्रतिशत | 25 प्रतिशत | 37 प्रतिशत |
टिप्पणी : (1) 25 प्रतिशत व 37 प्रतिशत, जो भी हो, की दर से बढ़ाया गया अधिभार धारा 111क, 112क और 115कघ के अंतर्गत कर हेतु वसूली गई आय से नही वसूला जाता। इसलिए ऐसी आय पर देययोग्य कर पर अधिभार की अधिकतम दर 15 प्रतिशत होगी।
2. एक कंपनी के तौर पर सभी सदस्यों के साथ एओपी की अधिभार संबंधी दर 15 प्रतिशत तक सीमिति होगी
1) अधिभार की दर शून्य है यदि धारा 10(4घ) में संदर्भित एक श्निर्दिष्ट फंडश् की कुल आय में धारा 115कघ(1)(क) के अंतर्गत दी गर्इ प्रतिभूतियों के संदर्भ में कोर्इ आय शामिल है।
मामूली राहत निम्नलिखित तरीके में अधिभार से उपलब्ध है -
i. जहां शुद्ध आय रू. 50 लाख से अधिक हो लेकिन 1 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली राशि आय जो रू. 50 लाख से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 50 लाख की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
ii. जहां शुद्ध आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 2 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
iii. यदि जहां शुद्ध आय रू. 2 करोड़ से अधिक है लेकिन रू. 5 करोड़ से कम है तो मामूली राहत इस तरीके से अधिभार द्वारा उपलब्ध होगी कि आयकर और अधिभार के तौर पर देययोग्य राशि आय जो रू. 2 करोड़ से अधिक है, की राशि से अधिक रू. 2 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी
iv. यदि जहां शुद्ध आय रू. 5 करोड़ से अधिक है तो मामूली राहत इस तरीके से अधिभार द्वारा उपलब्ध होगी कि आयकर और अधिभार के तौर पर देययोग्य राशि आय जो रू. 5 करोड़ से अधिक है, की राशि से अधिक रू. 5 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी
ख. स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर अधिभार सहित आयकर की राशि पर 4 प्रतिशत की दर पर लगाया जाता है
टिप्पणी :
1) स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर शून्य है यदि एक ‘निर्दिष्ट फंड’ की कुल आय, जैसा धारा 10(4घ) में संदर्भित है, में प्रतिभूतियों के संदर्भ में किसी प्रकार की आय शामिल है जैसा धारा 115कघ(1)(क) के अंतर्गत दिया गया है।
2) एक घरेलू व्यक्ति (जिसकी शुद्ध आय रू. 5,00,000 से अधिक नही है) वह धारा 87क के अंतर्गत छूट का लाभ ले सकता है। यह शिक्षा उपकर की गणना से पूर्व आयकर से काटा जाता है। छूट की राशि आयकर का 100 प्रतिशत या रू. 12,500, जो भी कम हो, है।
3) यदि निवासी व्यक्ति की कुल आय, जो धारा 115खकग(1क) के अंतर्गत नर्इ कर योजना को चुनता है, रू. 7,00,000 तक है तो धारा 87क के अंतर्गत रू. 25,000 की उच्चतर छूट की अनुमति हैं ऐसी उच्च दर छूट मामूली राहत का भी विषय है।
वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी)
एक व्यक्ति वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय ऐसे व्यक्ति की आय के तौर पर ली जाती है और वह ऐसी समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।
हालांकि, एएमटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की र्इकार्इ के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।
1.1 व्यक्ति और एचयूएफ के लिए विशेष कर संबंधी दर
नई कर व्यवस्था व्यक्ति या एचयूएफ के लिए डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है। इसके अलावा, नई कर व्यवस्था का लाभ एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (एओपी)/बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (बीओआई) और आर्टिफिशियल ज्यूरिडिकल पर्सन (एजेपी) को भी मिला है। यदि कोई डिफ़ॉल्ट नई कर व्यवस्था से बाहर निकलना चाहता है, तो उसे धारा 115खकग(6) के तहत विकल्प का उपयोग करना होगा।
नर्इ कर व्यवस्था के अंतर्गत कर की दरें निम्नानुसार है :
निर्धारण वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए
कुल आय (रू.) | दर |
रू. 3,00,001 से रू. 6,00,000 | शून्य |
रू. 9,00,001 से रू. 12,00,000 | 5 प्रतिशत |
15,00,000 से अधिक | 10 प्रतिशत |
रू. 3,00,000 तक | 15 प्रतिशत |
रू. 6,00,001 से रू. 9,00,000 | 20 प्रतिशत |
रू. 12,00,001 से रू. 15,00,000 | 30 प्रतिशत |
जोड़ें:
क अधिभार : अधिभार निम्नलिखित दरों पर आयकर की राशि पर लगाया जाएगा यदि एक निर्धारिती की कुल आय निर्दिष्ट सीमा से अधिक हो :
आय की श्रेणी | |||
रू. 50 लाख से रू. 1 करोड़ तक | रू. 1 करोड़ से रू. 2 करोड़ तक | रू. 2 करोड़ से रू. 5 करोड़ तक | रुपये से अधिक. 5 करोड़ |
10 प्रतिशत | 15 प्रतिशत | 25 प्रतिशत | 37 प्रतिशत |
टिप्पणी : 25 प्रतिशत व 37 प्रतिशत, जो भी मामला हो, का बढ़ाया गया अधिभार धारा 111क, 112, 112क और 115कघ(1)(ख) के अंतर्गत कर हेतु वसूलनीय आय से नही लगाया जाता। इसलिए, ऐसी आयों पर देययोग्य कर पर अधिभार की अधिकतम दर 15 प्रतिशत होगी।
हालाँकि, धारा 115खकग के तहत कर व्यवस्था का चयन करने वाले करदाताओं के लिए 37% की बढ़ी हुई अधिभार दर लागू नहीं है।
इसके अलावा, यदि धारा 10(4घ) में संदर्भित 'निर्दिष्ट निधि' की कुल आय में धारा 115कघ(1)(क) के तहत दी गई प्रतिभूतियों के संबंध में कोई आय शामिल है तो अधिभार दर शून्य है।
हालांकि अधिभार से थोड़ी राहत निम्नलिखित तरीके में उपलब्ध हैं
i) जहां शुद्ध आय रू. 50 लाख से अधिक हो लेकिन 1 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 50 लाख से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 50 लाख की आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
ii) जहां शुद्ध आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 2 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
iii) जहां शुद्ध आय रू. 2 करोड़ से अधिक हो लेकिन 5 करोड़ से कम हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 2 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 2 करोड़ की आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
iv) जहां शुद्ध आय रू. 5 करोड़ से अधिक हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 5 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 5 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
ख स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर अधिभार सहित आयकर की राशि पर 4 प्रतिशत की दर पर लगाया जाता है
टिप्पणियां :
(क) धारा 87क के अंतर्गत रू. 25,000 की अधिकतम छूट स्वीकार्य है। यदि एक निवासी व्यक्ति, जो धारा 115खकग(1क) के अंतर्गत नर्इ कर योजना को चुनता है, की कुल आय रू. 7,00,000 तक है।
(ख) आगे, यदि घरेलू व्यक्ति (धारा 115खकग(1क) को चुनने वाला) की कुल आय रू. 7,00,000 से अधिक है और ऐसी आय पर देययोग्य कर कुल आय और रू. 7,00,000 के बीच के अंतर से अधिक है तो वह तो वह ऐसी कुल आय और वो राशि जो रू. 7,00,000 से अधिक है, पर दिए जाने वाले कर के बीच के अंतर तक की छूट का दावा कर सकता है
(ग) यदि एक निर्धारिती ने नर्इ कर व्यवस्था को चुना हो तो एएमटी के प्रावधान लागू नही होंगे।
2. साझेदार फर्म
निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए एक साझेदार फर्म (एलएलपी सहित) 30 प्रतिशत की दर से करयोग्य है।
जोड़े :
क) अधिभार : आयकर की राशि ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)।
ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।
वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी)
एक सांझेदारी फर्म वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय ऐसे फर्म की आय के तौर पर ली जाती है और वह ऐसी समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।
हालांकि, एएमटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की र्इकार्इ के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।
3. स्थानीय प्राधिकारी
एक स्थानीय प्राधिकारी 30% पर कर योग्य है।
जोड़े :
क) अधिभार : आयकर की राशि ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा (जहां कुल आय एक करोड़ रूपए से अधिक हो वहां आयकर तथा अधिभार के रूप में देययोग्य कुल राशि आय, जो एक करोड़ रूपए से अधिक हो, की राशि के अलावा एक करोड़ की कुल आय पर आयकर के रूप में देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी)।
ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।
वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी)
एक सांझेदारी फर्म वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय ऐसी सांझेदारी फर्म की आय के तौर पर ली जाती है और वह ऐसी समायोजित कुल आय के 18.5 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।
हालांकि, एएमटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की र्इकार्इ के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।
4. घरेलू कंपनी
निर्धारण वर्ष 2024-25 व 2025-26 के लिए कंपनियों के मामले में लागू होने वाली आयकर की दरें निम्नानुसार है :
घरेलू कंपनी | निर्धारण वर्ष 2025-26 | निर्धारण वर्ष 2024-25 |
- जहां पिछले वर्ष 2021-22 के दौरान उसका कुल करोबार या कुल प्राप्तियां रू. 400 करोड़ से अधिक न हो | लागू नहीं | 25 प्रतिशत |
- जहां पिछले वर्ष 2022-23 के दौरान उसका कुल करोबार या कुल प्राप्तियां रू. 400 करोड़ से अधिक न हो | 25 प्रतिशत | लागू नहीं |
- कोई अन्य घरेलू कंपनी | 30 प्रतिशत | 30 प्रतिशत |
जोड़े :
(क) अधिभार : आयकर की राशि को ऐसे कर के 7 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से कम और ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर बढ़ाई जाएगी यदि जहां कुल आय दस करोड़ से अधिक हो। अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा जो इस प्रकार है :
(i) जहां आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 10 करोड़ से कम तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
(ii) जहां आय रू. 10 करोड़ से अधिक हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 10 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 10 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
(ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।
न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी)
एक घरेलू कंपनी न्यूनतम वैकल्पिक कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 15 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में बही लाभ कंपनी की आय के तौर पर ली जाती है और यह ऐसे बही लाभ के 15 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।
हालांकि, एमएटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की र्इकार्इ के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (साथ ही अधिभार और उपकर जैसा लागू हो) की दर पर वसूला जाता है और अपनी आय परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है।
4.1 एक घरेलू कंपनी के लिए लागू होने वाली विशेष कर दर
घरेलू कंपनियों के मामले में लागू विशेष आयकर दरें इस प्रकार हैं:
घरेलू कंपनी | |
♦ जहां इसे धारा 115खक के लिए चुना जाता है |
25 प्रतिशत |
♦ जहां इसे धारा 115खकक के लिए चुना जाता है |
22 प्रतिशत |
♦ जहां इसे धारा 115खकख के लिए चुना जाता है |
15 प्रतिशत |
अधिभार : धारा 115खकक या धारा 115खकख के अंतर्गत करदेयता को चुनने वाली एकं कंपनी के मामले में अधिभार की दर कुल आय की राशि के बावजूद सीधे 10 प्रतिशत होगी।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर की राशि और लागू होने वाले अधिभार को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर गिने गए स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर द्वारा और बढ़ाया जाएगा।
एमएटी : घरेलू कंपनी जिसने धारा 115खकक व 115खकख के अंतर्गत विशेष कराधान व्यवस्था को चुना हो तो वह एमएटी के प्रावधानों से मुक्त है। हालांकि, वहां कोई छूट नही मिलेगी जहां धारा 115खक को चुना गया हो।
उस मामले में, न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के प्रावधान लागू होते हैं, देययोग्य कर धारा 115´ख के अनुसार आंके गए "बही लाभ" के 15 प्रतिशत (+HEC) से कम नही हो सकता। हालांकि, एमएटी एक कंपनी, एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र की ईकाई और परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में ही अपनी आय प्राप्त करने वाली के तौर पर, के मामले में 9 प्रतिशत (अधिभर और उपकर ,जैसा लागू हो, सहित) की दर पर लगाया जाता है। एमएटी से संबंधित प्रावधानों के लिए, ट्यूटोरियल सेक्शन में "एमएटी/एएमटी" पर ट्यूटोरियल को संदर्भित करें।
5. विदेशी कंपनी
निर्धारण वर्ष 2024-25 तथा निर्धारण वर्ष 2025-26
आय का प्रकार | कर की दरें |
31 मार्च 1961 के पश्चात् लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पूर्व भारतीय कंपनी के साथ किए गए समझौते के अनुसार सरकार अथवा भारतीय कंपनी द्वारा प्राप्त रॉयल्टी अथवा 29 फरवरी, 1964 के पश्चात् लेकिन 1 अप्रैल, 1976 से पूर्व किए गए समझौते के अनुसार तकनीकी सेवा प्रतिपादन के लिए शुल्क तथा जहां ऐसा समझौता किसी भी स्थिति में, केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया हो | 50 प्रतिशत |
अन्य कोई आय | 40 प्रतिशत |
जोड़े :
अधिभार : आयकर की राशि को ऐसे कर के 2 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ाई जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से कम और ऐसे कर के 5 प्रतिशत की दर पर बढ़ाई जाएगी यदि जहां कुल आय दस करोड़ से अधिक हो। हालांकि, अधिभार थोड़ी राहत का विषय होगा जो इस प्रकार है :
i) जहां आय रू. 1 करोड़ से अधिक हो लेकिन 10 करोड़ से कम तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 1 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 1 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
ii) जहां आय रू. 10 करोड़ से अधिक हो तो आयकर और अधिभार के तौर पर दी जाने वाली कुल राशि आय जो रू. 10 करोड़ से अधिक है, की राशि की तुलना में रू. 10 करोड़ की कुल आय पर आयकर के तौर पर देययोग्य कुल राशि से अधिक नही होगी।
ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।
न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी)
एक विदेशी कंपनी न्यूनतम वैकल्पिक कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ उसकी कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर बही लाभ के 15 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में बही लाभ कंपनी की आय के तौर पर लिया जाता है और इसे ऐसे बही लाभ के 15 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।
हालांकि, एमएटी विदेशी कंपनियों के मामले में लागू नही होता यदि इसका भारत में स्थार्इ प्रतिष्ठान (पीर्इ) है या धारा 44ख, धारा 44खख, धारा 44खखक या धारा 44खखख की काल्पिनिक कराधान योजना को चुनता है।
6. सहकारी संस्था
निर्धारण वर्ष 2024-25 तथा निर्धारण वर्ष 2025-26
करयोग्य आय | कुल दर |
रू. 10,000 तक | 10 प्रतिशत |
रू. 10,000 से रू. 20,000 | 20 प्रतिशत |
रू. 20,000 से अधिक | 30 प्रतिशत |
शामिल करें :
(क) अधिभार : आयकर की राशि ऐसे कर के 7 प्रतिशत की दर पर अधिभार द्वारा बढ़ार्इ जाएगी जहां कुल आय एक करोड़ से अधिक हो लेकिन दस करोड़ से कम और ऐसे कर के 12 प्रतिशत की दर पर जहां कुल आय दस करोड़ रूपए से अधिक हो। हालांकि, अधिभार मामूल राहत का विषय होगा।
ख) स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के चार प्रतिशत की दर पर आंके गए स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाकर और वृद्धि की जाएगी।
टिप्पणी :
(क) एक सहकारी संस्था वैकल्पिक न्यूनतम कर देने के लिए जिम्मेदार है जहां अधिनियम के सामान्य प्रावधानों के अनुसार आंकी गर्इ कुल आय पर उसके द्वारा देययोग्य कर समायोजित कुल आय के 15 प्रतिशत से कम है। ऐसे मामले में समायोजित कुल आय सहकारी संस्था की आय के तौर पर लिया जाता है और इसे ऐसी समायोजित आय के 15 प्रतिशत की दर पर कर देने के लिए उत्तरदायी होगा।
(ख) यदि निर्धारिती एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र में स्थित र्इकार्इ है और अपनी आय केवल परिवर्तनीय विदेशी विनिमय में ही प्राप्त करता है तो एएमटी की दर 9 प्रतिशत होगी।
6.1 सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक कर व्यवस्था
आयकर अधिनियम एक सहकारी समिति को निर्धारित शर्तों को पूरा करने के अधीन निम्नलिखित वैकल्पिक कराधान व्यवस्था से चुनने की अनुमति देता है:
धारा | शर्तें | कर की दर |
धारा 115खकड़ | • सहकारी समिति जो 01-04-2023 को या उसके बाद स्थापित और पंजीकृत हुर्इ हो • यह किसी वस्तु या वस्तु के निर्माण या उत्पादन में लगा हुआ है • यह 31-03-2024 को या उससे पहले निर्माण शुरू करता है; और • यह निर्दिष्ट छूट, प्रोत्साहन या कटौती का दावा नहीं करता है। |
15 प्रतिशत (विनिर्माण गतिविधियों से आय) |
धारा 115खकघ | यदि सहकारी संस्था निर्दिष्ट छूट, प्रोत्साहन या कटौती का दावा न करती हो | 22 प्रतिशत |
जोड़े़:
(क) अधिभार: ऐसी सहकारी समिति की कुल आय पर ध्यान दिए बिना आयकर की राशि पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाता है।
(ख) स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर : आयकर और लागू होने वाले अधिभार की राशि को ऐसे आयकर और अधिभार के 4 प्रतिशत की दर पर गिने गए स्वास्यि और शिक्षा उपकर द्वारा और बढ़ाया जाएगा।
टिप्पणी:
(क) यदि एक सहकारी समिति ने धारा 115खकघ या धारा 115खकड़ के विकल्प का प्रयोग किया है, तो एएमटी के प्रावधान लागू नहीं होंगे। इसके अलावा, एएमटी क्रेडिट की गणना और अग्रेषण के प्रावधान भी लागू नहीं होंगे।
वित्त अधिनियम, 2024 द्वारा संशोधित