अनुरक्षित एवं सूचित की जाने वाली सूचना

114छ. (1) प्रत्येक प्रतिवेद्य खाते से संबंधित निम्नलिखित सूचना प्रतिवेदक वित्तीय संस्था द्वारा अनुरक्षित एवं सूचित की जाएगी, जैसे कि:–

() प्रत्येक प्रतिवेद्य व्यक्ति, जो खाते का खाता धारक है, का नाम, पता, करदाता पहचान संख्या (कर प्रयोजनार्थ खाता धारक को उसके निवास संबंधी देश अथवा राज्य क्षेत्र द्वारा समनुदेशित) एवं जन्म की तिथि एवं स्थान (किसी व्यक्ति के मामले में);

() किसी सत्ता के मामले में जो खाता धारक है तथा उसकी, नियम 114ज में विहित सम्यक उद्यम प्रक्रियाओं के लागू होने के पश्चात् एक अथवा अधिक नियंत्रक व्यक्तियों, यानि प्रतिवेद्य व्यक्ति के तौर पर पहचान की गर्इ है,-

(i) सत्ता का नाम एवं पता, उसके निवास वाले देश या राज्य क्षेत्र के द्वारा सत्ता को समनुदेशित करदाता पहचान संख्या; और

(ii) ऐसे प्रत्येक नियंत्रक व्यक्ति का नाम, पता, जन्म की तिथि एवं स्थान और उसके निवास वाले देश अथवा राज्य क्षेत्र द्वारा ऐसे नियंत्रक व्यक्ति को समनुदेशित करदाता पहचान संख्या;

() खाता संख्या (अथवा खाता संख्या की अनुपस्थिति में कार्यशील समतुल्य);

() सुसंगत कैलेंडर वर्ष की समाप्ति को खाता शेष अथवा मूल्य (नकद मूल्य बीमा संविदा अथवा वार्षिकी संविदा, नकद मूल्य अथवा अभ्यर्पित मूल्य सहित) यदि खाते को ऐसे वर्ष के दौरान बन्द किया गया था तो बन्द होने से अव्यवहित पूर्व;

() किसी अभिरक्षक खाते के मामले में:

(i) कैलेंडर वर्ष के दौरान खाते में संदत्त की गर्इ अथवा क्रेडिट की गर्इ (अथवा खाते के संबंध में) प्रत्येक मामले में खाते में धारित आस्तियों के बारे में सृजित ब्याज की कुल सकल राशि, लाभांश की कुल सकल राशि तथा अन्य आय की कुल सकल राशि; तथा

(ii) कैलेंडर वर्ष के दौरान खाते में संदत्त की गर्इ अथवा क्रेडिट की गर्इ वित्तीय आस्तियों की बिक्री अथवा मोचन से कुल सकल आय जिसके संबंध में प्रतिवेदक, वित्तीय संस्था के अभिरक्षक, ब्रोकर, नामिति के रूप में अन्यथा खाताधारक के लिए एक अभिकर्ता के रूप में कार्य किया;

() किसी डिपॉजिटरी खाते के मामले में सुसंगत कैलेंडर वर्ष के दौरान खाते में संदत्त किया गया अथवा क्रेडिट की गयी ब्याज की कुल सकल राशि;

() खंड () या () में निर्दिष्ट किए गए से भिन्न किसी खाते के मामले में, खाते के संबंध में उस सुसंगत कैलेंडर वर्ष के दौरान खाता धारक को संदत्त अथवा क्रेडिट की गर्इ कुल रकम जिसके संबंध में प्रतिवेदक वित्तीय संस्था बाध्यताधारी अथवा ऋणी है, सुसंगत कैलेंडर वर्ष के दौरान खाता धारक को किए गए किसी मोचन भुगतान की कुल रकम सहित; और

() किसी गैर-भागीदार वित्तीय संस्था द्वारा धारित खाते के मामले में, कैलेंडर वर्ष 2015 एवं 2016 के लिए, प्रत्येक गैर-भागीदार वित्तीय संस्था का नाम जिसे भुगतान कर दिया गया है तथा ऐसे भुगतान की कुल रकम:

परंतु यह कि सूचित की जाने वाली सूचना–

(i) कैलेंडर वर्ष 2014 के संबंध में, अमरीकी प्रतिवेद्य खातों से संबंधित सूचना उसके खंड (), (), () एवं () में निर्दिष्ट की गर्इ हो;

(ii) कैलेंडर वर्ष 2015 के संबंध में, अमरीकी प्रतिवेद्य खातों की सूचना हो तथा उसका खंड (), (), (), (), (), (), () () एवं खंड () के उप-खंड (1) में निर्दिष्ट की गर्इ हो:

(iii) कैलेंडर वर्ष 2016 के संबंध में, सभी प्रतिवेद्य खातों की सूचना हो तथा उसका खंड () से () में निर्दिष्ट की गर्इ हो;

(iv) कैलेंडर वर्ष 2017 एवं पश्चात्वर्ती वर्षों के संबंध में, सभी प्रतिवेद्य खातों की सूचना हो तथा उसका खंड () से () में निर्दिष्ट किया गया हो:

परंतु यह कि प्रत्येक उस अमरीकी प्रतिवेद्य खाते के संबंध में जिसका 3 जून, 2014 की स्थिति के अनुसार किसी प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के द्वारा रखरखाव किया जाता हो, किसी सुसंगत व्यक्ति की करदाता पहचान संख्या सूचित करनी अपेक्षित नहीं हैं यदि ऐसी करदाता पहचान संख्या प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के अभिलेखों में नहीं है।

(2) इस उपनियम (1) के प्रयोजन के लिए,–

() ''खाताधारक'' का अर्थ उस वित्तीय संस्था द्वारा वित्तीय खाता के धारक के रूप में सूचीबद्ध या पहचाने गए व्यक्ति से है जो खाते का रख-रखाव करता है:

परंतु अभिकर्ता, अभिरक्षक, नामिती, हस्ताक्षरकर्ता, निवेश सलाहकार अथवा मध्यवर्ती के रूप में दूसरे व्यक्ति के लाभ अथवा खाते के लिए वित्तीय खाता रखने वाले वित्तीय संस्थान से भिन्न किसी व्यक्ति को खाते के धारक के रूप में नहीं माना जाएगा और ऐसे दूसरे व्यक्ति को खाते के धारक के रूप में माना जाता है:

परंतु यह कि रोकड़ मूल्य बीमा संविदा अथवा वार्षिक संविदा के मामले में खाता धारक कोर्इ व्यक्ति है जो संविदा की मियाद पूरी होने पर भुगतान प्राप्ति का हकदार है अथवा कोर्इ व्यक्ति जो रोकड़ मूल्य तक पहुंच का अथवा संविदा के हिताधिकारी को बदलने का हकदार है और यदि कोर्इ भी व्यक्ति रोकड़ मूल्य तक नहीं पहुंच सकता अथवा हिताधिकारी को नहीं बदल सकता, तो खाता धारक कोर्इ भी व्यक्ति है जिसे संविदा में मालिक के तौर पर नामित किया गया है तथा संविदा की शर्तों के अधीन भुगतान की निहित हकदारी वाला कोर्इ व्यक्ति।

() ''करदाता पहचान संख्या'' में अभिप्रेत है उस देश अथवा राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को समनुदेशित संख्या है जिसमें वह कर प्रयोजनार्थ एक निवासी है तथा इसमें कार्यात्मक समतुल्य शामिल है यदि ऐसी कोर्इ संख्या समनुदेशित नहीं की गर्इ है;

(3) जहां वह व्यक्ति ऐसे देश अथवा राज्य क्षेत्र के कर कानूनों के अधीन भारत से बाहर एक देश अथवा राज्य क्षेत्र से अधिक का निवासी है तो प्रतिवेदक वित्तीय संस्था ऐसे प्रत्येक देश अथवा क्षेत्र के संबंध में करदाता पहचान संख्या का रखरखाव करेगी।

(4) प्रत्येक प्रतिवेद्य खाते के संबंध में जो पूर्व-विद्यमान खाता है, उपनियम (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, करदाता पहचान संख्या अथवा जन्म तिथि सूचित किए जाने की आवश्यकता नहीं है यदि ऐसी करदाता पहचान संख्या अथवा जन्म तिथि प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के अभिलेखों में नहीं है:

परंतु प्रतिवेदक वित्तीय संस्था पूर्व-विद्यमान खातों के संबंध में करदाता पहचान संख्या एवं जन्म तिथि 31 दिसंबर, 2016 तक प्राप्त करेगी तथा कैलेंडर वर्ष 2017 और पश्चात्वर्ती वर्षों के संबंध में इसकी सूचना देगी।

(5) उपनियम (1) एवं उपनियम (4) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, करदाता पहचान संख्या सूचित करने की आवश्यकता नहीं है यदि,–

(i) भारत से बाहर उस सुसंगत देश या राज्य क्षेत्र के द्वारा करदाता पहचान संख्या (जिनके अंतर्गत कार्यात्मक समतुल्य भी है) जारी नहीं की गर्इ है जिसका वह व्यक्ति कर प्रयोजनार्थ निवासी है; अथवा

(ii) भारत से बाहर सुसंगत देश या राज्य क्षेत्र के घरेलू कानून के अनुसार ऐसे देश या राज्य क्षेत्र के द्वारा जारी करदाता पहचान संख्या का संग्रह करने की आवश्यकता नहीं है।

(6) उपनियम (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, जन्म स्थान सूचित करने की आवश्यकता नहीं है जब तक कि यह प्रतिवेदक वित्तीय संस्था द्वारा अनुरक्षित इलेक्ट्रिक ढंग से खोजनीय डाटा में उपलब्ध न हो।

(7) धारा 285खक की उपधारा (1) के खंड (ट) के अधीन प्रस्तुत की जाने वाली प्रतिवेद्य खाता विवरणी प्रतिवेदक वित्तीय संस्था द्वारा उस प्रत्येक खाते के संबंध में प्रस्तुत की जाएगी जिसकी पहचान नियम 114ज में निर्धारित सम्यक उद्यम प्रक्रियाओं के अनुसार, प्रतिवेद्य खाते के रूप में हो चुकी हो:

परंतु जहां ऐसी सम्यक उद्यम प्रक्रियाओं के अनुसार प्रतिवेद्य खाते के रूप में किसी खाते की पहचान न की गर्इ हो, प्रतिवेदक वित्तीय संस्था द्वारा एक शून्य विवरणी प्रस्तुत की जाएगी।

(8) उपनियम (7) में निर्दिष्ट विवरणी प्रत्येक कैलेंडर वर्ष के लिए फार्म संख्या 61ख में उस वर्ष से अगली 31 मर्इ तक प्रस्तुत की जाएगी:

परंतु कैलेंडर वर्ष 2014 से संबंधित विवरणी अगस्त, 2015 के 31वें दिन तक प्रस्तुत की जाएगी।

(9) (क) उपनियम (7) में निर्दिष्ट विवरणी इस संबंध में प्रधान आयकर महा निदेशक (प्रणाली) द्वारा विनिर्दिष्ट डाटा संरचना के अनुसार अंकीय हस्ताक्षराधीन इस प्रयोजनार्थ पदाभिहित सर्वर में इ-इलेक्ट्रानिक डाटा के ऑनलाइन संचारण के माध्यम से आयकर निदेशक (आसूचना एवं आपराधिक जांच) अथवा संयुक्त आयकर निदेशक (आसूचना एवं आपराधिक जांच) को प्रस्तुत की जाएगी।

स्पष्टीकरण–इस नियम के प्रयोजनार्थ, ''अंकीय हस्ताक्षर'' से अभिप्रेत प्रमाणन प्राधिकारियों के नियंत्रक द्वारा ऐसे प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्राधिकृत किसी प्रमाणन प्राधिकारी द्वारा जारी अंकीय हस्ताक्षर से है।

(ख) प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रणाली) डाटा के सुरक्षित कैप्चर एवं संचारण को सुनिश्चित करने, समुचित सुरक्षा को विकसित करने एवं कार्यान्वित करने के लिए, पुरालेखीय पूर्तिकर एवं पुन:प्राप्ति संबंधी नीतियों की प्रक्रियाओं, डाटा संरचनाएं तथा मानकों को निर्दिष्ट करेगा।

(10) (क) प्रत्येक प्रतिवेदक वित्तीय संस्था प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रणाली) को पदाभिहित निदेशक एवं प्रधान अधिकारी का नाम, पदनाम एवं संपर्क का ब्यौरा संचारित करेगी तथा रजिस्ट्रीकरण संख्या प्राप्त करेगी।

(ख) उपनियम (7) में निर्दिष्ट विवरणी पर प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के पदाभिहित निदेशक के द्वारा संस्था के पास उपलब्ध सूचना के आधार पर हस्ताक्षर, सत्यापन एवं प्रस्तुति की जाएगी:

परंतु जहां प्रतिवेदक वित्तीय संस्था अनिवासी है; विवरणी पर हस्ताक्षर सत्यापन एवं प्रस्तुति उस व्यक्ति के द्वारा की जाएगी जिसके पास ऐसे पदाभिहित निदेशक के द्वारा जारी विधिमान्य मुख्तारनामा हो।

(ग) प्रत्येक प्रतिवेदक वित्तीय संस्था, उसके पदाभिहित निदेशक, प्रधान अधिकारी एवं कर्मचारियों का यह कर्त्तव्य होगा कि वे इसके नियामक के द्वारा विनिर्दिष्ट किए अनुसार सूचना के रखरखाव की प्रक्रिया एवं इसकी रीति का पालन करें।

स्पष्टीकरण–इस पदाभिहित उप-नियम के प्रयोजनों के लिए

() ''पदाभिहित निदेशक'' से अभिप्रेत उस व्यक्ति से है जिसे प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के द्वारा धारा 285ख क एवं उसमें बनाए गए नियमों के अधीन दायित्वों के संपूर्ण अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए पदाभिहित किया गया हो तथा इसके अधीन बनाये गये नियमों और इसमें ये सम्मिलित हैं:

(i) प्रबन्धन निदेशक अथवा पूर्ण कालिक निदेशक, कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) में दिए अनुसार, यदि प्रतिवेदक वित्तीय संस्था एक कंपनी है तो निदेशक बोर्ड के द्वारा यथा प्राधिकृत;

(ii) प्रबंधन भागीदार यदि प्रतिवेदक वित्तीय संस्था यदि कोर्इ भागीदारी फर्म है तो;

(iii) स्वामी, यदि प्रतिवेदक वित्तीय संस्था कोर्इ मालिकाना संस्था है;

(iv) प्रबंधकारी ट्रस्टी, यदि प्रतिवेदक वित्तीय संस्था कोर्इ न्यास है;

(v) कोर्इ व्यक्ति अथवा व्यष्टि, जैसा भी मामला हो, जो प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के कार्यों को नियंत्रित एवं उनका प्रबंधन करता है यदि प्रतिवेदक वित्तीय संस्था व्यक्तियों का कोर्इ संघ, अथवा व्यष्टि का अथवा किसी अन्य व्यक्ति का कोर्इ निकाय है।

() ''प्रधान अधिकारी'' से तात्पर्य प्रतिवेदक वित्तीय संस्था द्वारा पदाभिहित किसी अधिकारी से है।

() ''विनियामक'' से तात्पर्य किसी व्यक्ति अथवा किसी प्राधिकारी अथवा किसी सरकार से है जिसे प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के कार्यकलाप को अनुज्ञप्ति देने, प्राधिकृत करने, रजिस्ट्रीकरण करने, विनियमित करने अथवा पर्यवेक्षण करने का अधिकार दिया गया है।

(11) () उपनियम (10) के खण्ड () में निर्दिष्ट नियामक निम्नलिखित को अनुदेश अथवा मार्गदर्शक सिद्धांत जारी करेगा:-

(i) नियम 114च तथा 114ज के अधीन विनिर्दिष्ट प्रतिवेदक तथा सम्यक उद्यम प्रक्रिया की जरूरतों को सम्मिलित करना;

(ii) प्रतिवेदक वित्तीय संस्था द्वारा सूचना के रखरखाव की प्रक्रिया तथा रीति को उपबंधित करना; तथा

(iii) अपने प्रतिवेदक दायित्व को पूरा करने के लिए प्रतिवेदक वित्तीय संस्था के साथ उपनियम (1) के अधीन निर्दिष्ट सूचना की उपलब्धता सुनिश्चित करना, यदि ऐसी सूचना ऐसे विनियामक द्वारा जारी किसी नियम अथवा विनियमन के अन्तर्गत इसके द्वारा नहीं रखी जाती है;

() प्रत्येक प्रतिवेदक वित्तीय संस्था समय-समय पर अपने विनियामक द्वारा यथा विनिर्दिष्ट प्रक्रिया तथा रीति के अनुसार वित्तीय खातों के बारे में सूचना का रख-रखाव करेगा ताकि इस नियम के अधीन विहित सूचना की प्रतिवेदन में सक्षम हो और नियम 114ज के अधीन विनिर्दिष्ट सम्यक उद्यम प्रक्रिया का पालन करें।