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आयकर विभाग कभी भी र्इ-मेल के माध्यम से आपके क्रेटिड कार्ड, बैंक अथवा अन्य वित्तीय खातों के पिन नंबर, पासवर्ड अथवा समकक्ष प्रकार की प्रयोग की जा सकने वाली सूचना की मांग नही करता है।

आयकर विभाग की करदताओं से अपील है कि ऐसे-र्इ-मेल का उत्तर न दें तथा अपने क्रेटिड कार्ड, बैंक तथा अन्य वित्तीय खातों से संबंधित जानकारी को किसी से सांझा करें।

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लागत मुद्रास्फीति सूचकांक​

सूचीकरण लाभ दीर्घ-कालीन पूंजीगत परिसंपत्ति के स्थानांतरण पर सामने आने वाले लाभ की गणना के लिए उपलब्ध हैं। सूची में पूजीगत लाभ की गणना के लिए समस्त अधिसूचित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक शामिल हैं।​

​कर दरें

विभिन्न श्रेणियों के करदाताओं एवं आय के विभिन्न स्रोतों के लिए अलग-अलग कर दरें प्रदान की गयी हैं। व्यक्ति/एचयूएफ/ एओपी/बीओआई पर अलग-अलग स्लैब दरों के अनुसार कर लगाया जाता है। हालांकि, कंपनियों पर, कुछ निर्दिष्ट आय के अलावा, निर्धारित दर पर कर लगाया जाता है। यह लेख आपको, विभिन्न करदाताओं के लिए लागू कर दरों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।​

​ टीडीएस दर

शब्द 'टीडीएस' का अर्थ' स्रोत पर कर कटौती' को दर्शाता है। यह एक व्यवस्था है जिसके तहत एक व्यक्ति निर्दिष्ट प्रकृति की राशि से टीडीएस की कटौती करने के लिए प्रतिबद्ध होगा तथा केन्द्र सरकार को जमा करवाएगा। विभिन्न आय पर विभिन्न टीडीएस दर आयकर अधिनियम कानून में निर्धारित हैं। यह लेख ऐसे सभी दरों को शामिल करता है।

​ आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित सीमा

आयकर अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों सीमा सीमा के संदर्भ में होते हैं. ये सीमा अधिकतम छूट की सीमा, आय से छूट या कटौती की सीमा में शामिल हो सकते, भत्ते कर से मुक्त है, जो वेतन के एक हिस्से के रूप में प्राप्त किया, इसके आगे एक अपील दाखिल करने के लिए, और के लिए फीस. इस दस्तावेज़ में सभी प्रासंगिक प्रावधानों और उनकी सीमाओं को संक्षिप्त परिचय होता है.

​ कर दरें दोहरा कराधान बचाव बनाम आयकर अधिनियम

अन्य बातों के साथ, अनिवासी निर्दिष्ट आय जिसमें लाभांश, ब्याज, रॉयल्टी या तकनीकी सेवाओं के लिए शुल्क शामिल है, या तो अधिनियम के तहत या प्रासंगिक डीटीएए के तहत निर्धारित दरों पर, जो भी ऐसे अनिवासी के लिए अधिक फायदेमंद हो, कटौती योग्य होगी। यह लेख इस अधिनियम और भारत एवं विभिन्न विदेशी देशों के बीच किए गए अलग-अलग दोहरे कराधान बचाव के तहत निर्धारित ऐसी सभी दरें प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार याद रखने वाली धाराएं ​

​भारत में व्यापार करने वाले अनिवासी या भारत में निवासी व्यक्ति के साथ कारोबार करने वाले अनिवासी को आयकर अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का पालन करना होता है। यह लेख आयकर अधिनियम के ऐसे सभी प्रावधानों की एक सूची प्रदान करता है जो अनिवासी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।​

मूल्यहृास दर

व्यवसाय तथा पेशे के लाभ तथा हानि की गणना करते समय, एक करदाता उन सभी संपत्तियों पर मूल्यहृास का दावा कर सकता है जिसका प्रयोग व्यवसाय या पेशे के लिए प्राप्त किया गया हो तथा उपयोग में लाया गया हो। विभिन्न प्रकृति की संपत्ति में विभिन्न मूल्यहृास दर निर्धारित की गर्इ हैं। यह लेख ऐसे सभी मूल्यहृास दरों को सूचीबद्ध करता है।

​केवल छोटे व्यापारियों को उपलब्ध लाभ

​ लघु और मध्यम उद्यम सकल घरेलू उत्पाद और अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ें अंश का योगदान करते हैं। उनके लिए सुविधा के रूप में, आयकर अधिनियम उन्हें कुछ लाभ प्रदान करता है और अन्य बातों के साथ, प्रकल्पित आधार पर आय की गणना करने का विकल्प, बही लेखों के अनिवार्य अंकेक्षण से छूट, टीडीएस से छूट और इसी प्रकार के कुछ प्रावधानों के अनुपालन से छूट प्रदान करता है। यह दस्तावेज उन प्रावधानों को एक संक्षिप्त परिचय देता है जो छोटे व्यापारियों के लिए निर्दिष्ट लाभ प्रदान करते हैं।

​केवल निवासी व्यक्ति को उपलब्ध लाभ

एक निवासी व्यक्ति अपनी वैश्विक आय के संबंध में कर प्रभार्य है। यदि आयकर अधिनियम एक निवासी व्यक्ति की कर योग्य आय के दायरे में वृद्धि करता है, तो यह एक निवासी व्यक्ति को कुछ लाभ व विशेषाधिकार भी प्रदान करता है, जिसमें अन्य बातों के साथ, प्रकल्पित आधार पर आय की गणना करने का विकल्प प्रदान करना, अध्याय छह-क के तहत कटौती, टीडीएस से छूट और आगे भी इसी प्रकार, शामिल हैं।यह दस्तावेज, उन प्रावधानों को एक संक्षिप्त परिचय देता है जो भारतीय कंपनी सहित एक निवासी व्यक्ति के लिए लाभदायक हैं।

​विभिन्न स्रोतों से आय का उपचार

प्रत्येक आय के अर्जन के स्रोत अलग-अलग होते हैं और इसलिए उनके कर योग्य होने के प्रावधान भी अलग-अलग हैं। आयकर अधिनियम में कर योग्य आय की गणना के लिए आय की पांच मदें प्रदान की गई हैं नामश वेतन, गृह संपत्ति से आय, व्यवसाय या पेशे आय, पूंजीगत लाभ और अवशिष्ट आय। इस दस्तावेज में कर योग्य आय की गणना के लिए आय की प्रत्येक मद के तहत निहित प्रावधानों की चर्चा की गई है।​

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परामर्श : निर्दिष्टानुसार/प्रकाशन के वर्ष में प्रचलित कानून से संबंधित सूचना। दर्शकों को किसी दस्तावेज पर भरोसा करने से पूर्व सही स्थिति/प्रचलित कानून को सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती हैं।​​​