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आयकर अधिनियम, 1961 की
285खक
में संशोधन के अनुसार, विनिर्दिष्ट संस्थाओं (दाखिलकर्ताओं) से यह अपेक्षित है कि वे वित्तीय वर्ष के दौरान (1 अप्रैल 2004 से या उसके बाद) उनके द्वारा दर्ज किये गये विनिर्दिष्ट वित्तीय लेन-देनों के संबंध में आयकर प्राधिकारी या ऐसे अन्य विहित प्राधिकारी को वार्षिक सूचना रिटर्न (एआईआर) प्रस्तुत करें.
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वित्त अधिनियम
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