ग्रह संपत्ति के तहत आय

 

2.1 प्रभार का आधार [धारा 22]

 

2.2 गृह संपत्ति से आय की गणना

 

2.3 सकल वार्षिक मूल्य [धारा 23 (1)]

 

2.4 कटौती

 

2.5 गृह संपत्ति से आय की संगणना

 

2.6 समग्र किराया

 

2.7 अचेतन किराया और किराए की बकाया राशि का उपचार [धारा 23(1) का स्पष्टीकरण]

 

2.8 सह मालिक और मानद मालिक

 

  

II. ग्रह संपत्ति के तहत आय

  

2.1 प्रभार का आधार [धारा 22]:

ग्रह संपत्ति से आय इस शीर्षक के तहत करयोग्य होगी यदि निम्नलिलिखत शर्तें पूरी की जाती हैं

क) घर की संपत्ति में कोई भवन अथवा उससे जुड़ी भूमि शामिल होनी चाहिए;

ख) करदाता संपत्ति का मालिक होना चाहिए;

ग) करदाता द्वारा किए व्यवसाय या पेशे के उद्देश्य के लिए गृह संपत्ति इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए।

 

  

2.2 गृह संपत्ति से आय की गणना:

एक गृह संपत्ति से होने वाली आय को निम्नलिखित तरीके से निर्धारित किया जाएगा:

ब्यौरा

राशि

सकल वार्षिक मूल्य

-

घटा: नगरपालिका कर

-

निविल वार्षिक मूल्य

****

घटा: 30% पर मानक कटौती [ धारा 24(क)]

-

घटा: उधार पूंजी पर ब्याज [ धारा 24(ख)]

-

गृह संपत्ति से आय

****

 

  

2.3 सकल वार्षिक मूल्य [ धारा 23(1)]

गृह की संपत्ति की सकल वार्षिक मूल्य निम्न का अधिक हो जाएगा:

क) अपेक्षित किराया, अर्थात, उस संपत्ति के लिए राशि जिसकी एक वर्ष से दूसरे वर्ष के भाड़े के लिए यथोचित उम्मीद की जा सकती है। अपेक्षित किराया, संभावित किराया अधिकतम मानक किराए के अनुसार संपत्ति के माकूल किराया अथवा उच्चतम नगर-निगम मूल्यांकन होगा;

ख) वास्तविक तौर पर प्राप्त किया गया प्राप्त योग्य किराया लेकिन अचेतन किराए को छोड़कर किन्तु रिक्ति के कारण हानि को कटाने में पूर्व

उक्त आंकी गई राशि में से, गृह संपत्ति में रिक्ति हेतु की गई कोई हानि कटौती अथवा ऐसी आंकी गई शेष राशि सकल वार्षिक राशि के तौर पर समझी जाएगी।

 

  

2.4 कटौती:

विवरण

कटौती की प्रकृति

नगरपालिका कर

गृह संपत्ति के संबंध में किसी भी स्थानीय प्राधिकरण द्वारा लगाए गए सेवा कर सहित नगर करों की कटौती के रूप में अनुमति दी गई है यदि;,

क) कर मालिक द्वारा वहन किया जाता है; और

ख) वर्ष के दौरान उसके द्वारा करों का वास्तव में भुगतान किया जाता है।

मानक कटौती [ धारा 24(क)]

गृह संपत्ति का निविल वार्षिक मूल्य के 30% कटौती के रूप में अनुमति दी है, यदि पिछले वर्ष दौरान संपत्ति भाड़े पर ली गयी है।

उधार पूंजी पर ब्याज *

[ धारा 24(ख)]

(क) भाड़े पर ली गई संपत्ति के संबंध में अधिग्रहण, निर्माण, मरम्मत, पुन: निर्माण के लिए उधार पूंजी पर उठाया हुआ वास्तविक ब्याज कटौती के रूप में स्वीकार्य होगा

(ख) स्वयं के कब्जे वाले आवासीय गृह संपत्ति के संबंध में गृह संपत्ति के अधिग्रहण अथवा निर्माण के लिए उधार ली गई पूंजी पर उठाया हुआ ब्याज 2 लाख तक कटौती के तौर पर स्वीकृत होगा। कटौती की स्वीकृति दी जाएगी यदि पूंजी 01-04-1999 को अथवा इसके पश्चात् उधार ली गई हो तथा गृह संपत्ति का अधिग्रहण अथवा निर्माण 5 वर्षों के भीतर परिपूरित किया जाता हैं

(ग) स्वयं के कब्जे वाला आवासीय गृह संपत्ति के संबंध में गृह संपत्ति के पुन-निर्माण, मरम्मत अथवा नवीकरण के लिए उधार ली गई पूंजी पर उठाया गया ब्याज रु. 30,000 तक कटौती के तौर पर स्वीकार्य होगा।

*गृह संपत्ति के अध्रिहण/निर्माण के वर्ष से पूर्व की अवधि से संबंधित कोई ब्याज वर्ष, जिसमें संपत्ति अधिग्रहित/निर्मित की गई थी, आरंभ करते हुए पांच समान किश्तों में कटौती के रूप में स्वीकृत की जाएगी।

*निम्नलिखित परिस्थितियों में उधार पूंजी पर ब्याज के लिए कटौती 30,000 रुपये तक सीमित किया जाएगा:

क) यदि एक गृह संपत्ति के खरीद या निर्माण के लिए 01-04-1999 से पहले पूंजी उधार लिया जाता है तो;

ख) यदि एक गृह संपत्ति के फिर से निर्माण, मरम्मत या नवीकरण के लिए 01-04-1999 को या के बाद में पूंजी उधार लिया जाता है तो;

ग) यदि पूंजी 01-04-1999 को या बाद में उधार लिया है लेकिन गृह संपत्ति का निर्माण पिछले वर्ष जिसमें पूंजी उधार ली गई थी के अंत में से तीन साल के भीतर पूरा नहीं हो पाया है,

2.4.1 आवास ऋण पर ब्याज के लिए कटौती [धारा 80ड़ड़]:

रु. 50,000 तक की एक समय में कटौती निम्नलिखित शर्तों के अनुसार आवासीय गृह संपत्ति के लिए गए ऋण पर उठाए गए ब्याज के लिए व्यक्ति को स्वीकृत की जाएगी:

(क) वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान वित्त संस्थान द्वारा स्वीकृत ऋण।

(ख) स्वीकृत ऋण की राशि रु. 35,00,000 से अधिक नहीं है;

(ग) आवासीय घर की संपत्ति का मूल्य 50,00,000 रुपये से अधिक नहीं है; और

(घ) निर्धारिती ऋण की मंजूरी की तिथि पर किसी आवासीय गृह संपत्ति का स्वामित्व नहीं करता।

(ङ) जहां इस धारा के अंतर्गत कटौती को स्वीकार किया गया है तो अन्य किसी प्रावधान के अंतर्गत ऐसे ब्याज के सम्बन्ध में कटौती स्वीकृत नहीं होगी।

 

  

2.5 गृह संपत्ति से आय की संगणना

क्र.सं.

संपत्ति प्रकार

संपत्ति का सकल वार्षिक मूल्य

नगर निगम के करों के लिए कटौती

संपत्ति का निविल वार्षिक मूल्य

मानक कटौती

उधार पूंजी पर ब्याज

1.

एक स्वयं के कब्जे वाले घर की संपत्ति

शून्य

शून्य

शून्य

शून्य

उधार पूंजी पर ब्याज के लिए 30,000 रुपए या 2,00,000 रुपये  जैसा भी मामला हो तक कटौती की अनुमति दी है।

2.

गृह संपत्ति किसी अन्य स्थान पर किए जा रहे व्यापार अथवा रोजगार के कारण मालिक द्वारा अधिगृहित नही होगी

शून्य

शून्य

शून्य

शून्य

उधार पूंजी पर ब्याज के लिए कटौती 30,000 रुपए या 2,00,000 रुपये जैसा भी मामला हो तक स्वीकार्य है।

3.

भाड़े पर ली गई संपत्ति

धारा 23(1) के प्रावधानों के अनुसार गणना किए जाने हेतु

वास्तविक भुगतान के आधार पर अनुमति

सकल वार्षिक मूल्य घटा नगर निगम कर

निविल वार्षिक मूल्य का 30%

उधार ली गई पूंजी पर दिया गया अथवा देययोग्य ब्याज की संपूर्ण राशि कटौती के तौर पर स्वीकार्य होगा। पूर्व-निर्माण ब्याज 5 वार्षिक समान किश्तों में कटौती के तौर पर स्वीकार्य होगा (कुछ शर्तों के अनुसार)।

4.

एक से अधिक स्व अधिकृत संपत्ति

करदाता द्वारा चयनित केवल एक संपत्ति स्व-अधिगृहित गृह संपत्ति के रूप में विचार किया जाएगा और अन्य सभी संपत्तियों को गृह संपत्ति के शीर्षक के तहत आय की गणना के लिए भाड़े पर ली गई के तौर पर समझा जाएगा।

5.

वर्ष के भाग के लिए भाड़े पर ली गई एक स्व-अधिगृहित संपत्ति

घर भाड़े पर दिए गए संपत्ति के रूप में लिया जाएगा और अवधि के लिए कोर्इ रियायत उपलब्ध नहीं होंगे जिसके दौरान संपत्ति पर स्वयं का कब्जा कर लिया था।

6.

संपत्ति की एक भाग भाड़े पर उठाना गया है और दूसरा हिस्सा स्व-अधिग्रहण प्रयोजनों के लिए प्रयोग होती हैं।

संपत्ति के प्रत्येक भाग अलग संपत्ति के रूप में माना जाएगा और तदनुसार आय की गणना की जाएगी।

 

  

2.6 समग्र किराया:

यदि चल संपत्ति के साथ इमारत भी भाड़े पर उठाई जाती है, तो मशीनरी, योजना, फर्नीचर या मरम्मती, आदि एक ही सौदे का हिस्सा है और अविभाज्य हैं "व्यापार अथवा पेशे से लाभ तथा प्राप्ति" या "अन्य स्रोतों से आय", जो भी स्थिति हो, के तहत समग्र किराया कर योग्य होगा। दूसरी ओर, यदि इमारत को भाड़े पर उठाना अन्य परिसंपत्तियों भाड़े पर उठाना से वियोज्य है,तो इमारत के भाड़े पर उठाने से आय शीर्षक "गृह संपत्ति से आय" के तहत कर योग्य होगी। और अन्य संपत्ति के भाड़े पर उठाने से आय शीर्षक "व्यवसाय या पेशे से लाभ और प्राप्ति" या "अन्य स्रोतों से आय" के तहत कर योग्य होगी, जैसा भी मामला हो सकता है।

 

  

2.7 अचेतन किराया और किराए की बकाया राशि का उपचार [ धारा 23(1) का स्पष्टीकरण]

2.7.1 अचेतन किराए के लिए कटौती:

अचेतन किराया किराये की आय का वह भाग है जो मालिक किरायेदार से अपेक्षित नहीं कर सकता है। अचेतन किराए प्राप्य या प्राप्त योग्य वास्तविक किराए से कटौती की अनुमति केवल तभी दी जाती है, यदि निम्न स्थतियां संतुष्ट हैं:

क) किरायेदारी प्रामाणिक है;

ख) दोषी किरायेदार ने खाली कर दिया है, या उसे संपत्ति खाली करने के लिए मजबूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं;

ग) दोषी किरायेदार निर्धारिती की किसी अन्य संपत्ति के कब्जे में नहीं है;

घ) करदाता ने अवैतनिक किराया की वसूली के लिए कानूनी कार्यवाही प्रारंभ के लिए सभी उचित कदम उठाए हैं या आकलन अधिकारी संतुष्ट करता है कि कानूनी कार्यवाही बेकार हो जाएगी

2.7.2 अचेतन किराये की अनुवर्ती वसूली [धारा 25क]

किराए के बकाए अथवा अचेतन किराए की कोई उत्तरगामी वसूली के सम्बंध में प्राप्त राशि उस वर्ष में शीर्षक "गृह सम्पति से आय" के अंतर्गत करदाता की आय होना समझी जाएगी जिसमें ऐसा किराया विचारित अथवा प्राप्त होता है (चाहे उस वर्ष में निर्धारित उस सम्पति का मालिक हो अथवा नहीं)
आगे, ऐसे किराये का 30% कटौती के तौर पर स्वीकार्य होगा।

 

  

2.8 सह मालिक और मानद मालिक

2.8.1 सह मालिकों के स्वामित्व वाली संपत्ति [धारा 26]:

यदि गृह संपत्ति सह मालिकों द्वारा स्वामित्व में है और गृह संपत्ति में उनका हिस्सा निश्चित है और सुनिश्चित है तो ऐसी गृह संपत्ति की आय अलग से प्रत्येक सह मालिक के हाथों मूल्यांकन किया जाएगा। गृह संपत्ति से आय की गणना के लिए, संपत्ति की वार्षिक कीमत संपत्ति में उनके हिस्से के अनुपात में ले जाया जाएगा। ऐसे मामले में, प्रत्येक सह-मालिक संपत्ति (निर्धारित शर्तों के अनुसार) में उनके हिस्सों के संबंध में स्व-अधिगृहित गृह संपत्ति के लाभ का दावा करने का हकदार होगा। हालांकि जहां सह-मालिकों का हिस्सा निश्चित नही है वहां संपत्ति की आय व्यक्तियों के संघ के रूप में निर्धारित की जाएगी।

2.8.2 मानद मालिक [धारा 27]:

गृह संपत्ति से आय इसके मालिक के हाथों कर योग्य है। हालांकि, निम्नलिखित मामलों में कानूनी मालिक किसी संपत्ति के वास्तविक मालिक के रूप में नहीं माना जाता है और ऐसे घर की संपत्ति से अर्जित आय पर कर का भुगतान करने के लिए संपत्ति का मानद मालिक के रूप में माना जाता है:

1. एक व्यक्ति, जो अपने अथवा अपने जीवन साथी, अलग रहने के समझौते के संबंध में स्थानांतरण के तौर पर नही, अथवा एक नाबालिग बालक विवाहित पुत्री के तौर पर नही, हेतु किसी गृह संपत्ति के उचित विचार के लिए दूसरे प्रकार से स्थानांतरण करता है ऐसे स्थानांतरित कि गई संपत्ति के मालिक के तौर पर समझी जाएगी।

2. एक अविभाज्य संपत्ति का धारक, संपत्ति में शामिल सभी सम्पत्तियों का व्यक्तिगत मालिक माना जाएगा;

3. एक सहकारी समिति, कंपनी या व्यक्तियों के अन्य एसोसिएशन के एक सदस्य को भवन अथवा तत्संबंधी हिस्सा एक आवासीय योजना के तहत आवंटित अथवा पट्टे पर दी जाती है उस भवन अथवा उसके भाग के मालिक के तौर पर समझा जाएगा;

4. एक व्यक्ति, जो संपत्ति अधिनियम, 1882 के हस्तांतरण की धारा 53क में निर्दिष्ट प्रकृति का एक अनुबंध के हिस्से के निस्पादन में किसी भी इमारत या भाग के कब्जे को बनाए रखने या लेने की अनुमति दी है, उस इमारत या उसके अंश का मालिक के तौर पर समझा जाएगा;

5. एक व्यक्ति, जो धारा 269पक(च) में निर्दिष्टानुसार किसी भी तरह के लेनदेन के आधार पर किसी इमारत या उसके भाग के सम्बन्ध में या उसके साथ (एक महीने से दूसरे महीने के लिए या कम एक वर्ष से कम नहीं अवधि के लिए एक पट्टे के माध्यम से किसी भी अधिकार को छोड़कर) कोर्इ भी अधिकार प्राप्त करता है, तो इमारत या उसके भाग का मालिक के तौर पर समझा जाएगा।

 

[वित्त अधिनियम, 2024 द्वारा संशोधितानुसार]