परिपत्र सं. 19/2017
एफ.नं. 279/विविध/140/2015/आर्इटीजे
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
राजस्व विभाग
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
नर्इ दिल्ली, 12 जून, 2017
विषय : आयकर अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) पर निर्धारित दृष्टिकोण, कारोबार पेशगी - संबंधित
आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) के वाक्यांश (ड़) की धारा 2(22) मुहैया कराती है कि "लाभांश" में शेयरधारक, व्यक्ति के तौर पर जो शेयरों का लाभार्थी स्वामी हैं [लाभांश की निश्चित दर के हकदारी शेयरों के तौर पर नहीं चाहे प्रोफाइल में भाग लेने के अधिकार के साथ या उसके बिना वोटिंग अधिकार का कम से कम दस प्रतिशत रखता है या ऐसी संस्था के लिए जिसमें ऐसा शेयरधारक सदस्य या सांझेदार है और जिसमें उसका वास्तविक हित है (तत्पश्चात् इस वाक्यांश में कथित संस्था के तौर पर संदर्भित हो)] को पेशगी या ऋण के तौर पर किसी राशि की या किसी ऐसे शेयरधारक की ओर से या किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए, किसी ऐसी कंपनी द्वारा कोर्इ भुगतान, उस सीमा तक जिसके लिए कंपनी किसी भी मामले में संचित लाभ रखती हो, एक कंपनी, ऐसी कंपनी के तौर पर नहीं जिसमें जनता वास्तविक तौर पर दिलचस्पी रखती है, द्वारा कोर्इ भुगतान शामिल है।
2. बोर्ड ने देखा है कि पिछले कुछ दिनों में कुछ न्यायालयों ने निर्धारित किया हैं कि वाणिज्यिक लेनदेनों के रूप में कारोबार पेशगी अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) के प्रावधानों की सीमा में नहीं आते। ऐसा दृष्टिकोण अंतिम स्थिति प्राप्त करते हैं।
2.1 संघटित होने वाले व्यापार पेशगी/वाणिज्यिक लेनदेन के कुछ उदाहरण/दृष्टव्य अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) के अंतर्गत नहीं आता जो निम्नानुसार हैं :
i. पेशगी सहयोगी संस्थान को एक कंपनी द्वारा की गर्इ थी और सहयोगी संस्था द्वार किए गए हल्के कार्य के लिए शेष के समक्ष समायोजित होती है। यह निश्चित किया गया था कि व्यापारिक लेनदेनों के लिए पेशगी राशि अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) के अंतर्गत समझे जाने वाले लाभांश की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता (सीआर्इटी बनाम क्रिएटिव डार्इंग व प्रिंटिंग प्रा. लि.1, दिल्ली, उच्च न्यायालय)
ii. पेशगी कंपनी के लिए कार्य करने हेतु उसे शेयरधारक के परिसर में संयंत्र और मशीनरी को अधिष्ठापित करने के लिए अपने शेयरधारकों को एक कंपनी द्वारा की गर्इ थी जिससे कंपनी निर्यात मांग को पूरा कर सके। यह निश्चित गया था कि चूंकि निर्धारिती को व्यापारिक मुनाफा प्रमाणित हुआ, अग्रिम ऋण अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) में नहीं आता (सीआर्इटी बनाम अमरिक सिंह, पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय)2
iii. एक चल प्रतिभूति जमा एक कंपनी द्वारा इसकी सहायक संस्था को सहायक संस्था से संबंधित विद्युत जनरेटरों के प्रयोग के समक्ष दी गर्इ थी। कंपनी प्रयुक्त गैस विद्युत उत्पादन के लिए गेल से इसे प्राप्त होने के लिए उपलब्ध हैं और रियायती दरों पर सहायक संस्था के लिए आपूर्ति की जाती है। यह निश्चित किया गया था कि कंपनी द्वारा इसकी सहायक संस्था को दी गर्इ जमानत राशि दो संस्थाओं के बीच व्यापार की सामान्य अवधि में उत्पन्न व्यापारिक लेनदेन था और लेनदेन ने अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) को आकर्षित नहीं किया था (सीआर्इटी, आगरा बनाम अतुल इंजीनियरिंग उद्योग, इलाहबाद उच्च न्यायालय)3
3. उक्त को देखते हुए यह स्थिति निर्दिष्ट की गर्इ है कि व्यापार संबंधी पेशगी, जो वाणिज्यिक लेनदेन प्रकार की है, वह अधिनियम की धारा 2(22)(ड़) में शब्द 'पेशगी' की सीमा के अंतर्गत नहीं आते। तद्नुसार, इसलिए, अपील विभाग के अधिकारियों द्वारा इस आधार पर नहीं भरी जा सकती और जिन्होंने न्यायालय/न्यायाधिकरण में पहले से ही दाखिल की हैं उनको निरस्त/रदद् किया जा सकता है।
4. उक्त को सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जा सकता है।
5. हिन्दी संस्करण का अनुसरण होना है।
(नीतिका बंसल)
उप-सचिव, भारत सरकार
निम्न को प्रति :
1. अध्यक्ष, सदस्य तथा अवर सचिव तथा उससे ऊपर के पद के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारी
2. राजस्व सचिव हेतु ओएसडी
3. समस्त प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त व समस्त आयकर महानिदेशक, समस्त अधिकारियों के ध्यान में लाने के लिए अनुरोध के साथ
4. भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
5. प्रमुख आयकर महानिदेशक, राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी, नागपुर
6. प्रमुख आयकर महानिदेशक (पद्धति), एआरए सेंटर, झंडेवालान एक्सटेंशन, नर्इ दिल्ली
7. प्रमुख आयकर महानिदेशक (सर्तकता), नर्इ दिल्ली
8. एडीजी (पीआर, पीपी व ओएल), सामान्य मेलिंग सूची के अनुसार परिपत्र के लिए
9. एडीजी-4 (पद्धति) आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपलोडिंग के लिए
10. irsofficersonline पर अपलोडिंग के लिए डाटा बेस प्रकोष्ठ
11. एनजेआरएस पर अपलोडिंग के लिए njrs_support@nsdl.co.in
12. हिन्दी अनुवाद के लिए हिन्दी अनुभाग
13. गार्ड फाइल
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1. (एनजेआरएस) 2009-एलएल-0922-2, 2009 की आर्इटीए नं. 250
2. (एनजेआरएस) 2015-एलएल-0429-5, 2013 की आर्इटीए नं. 347
3. (एनजेआरएस) 2014-एलएल-0926-121, 2011 की आर्इटीए नं. 223