भूमि से संबंधित कुछ पंजीकृत दस्तावेज अपंजीकृत दस्तावेजों के विरुद्ध प्रभावी होंगे।
50.(1) धारा 17 की उपधारा (1) के खंड ( क ), ( ख ), ( ग ) और ( घ ) तथा धारा 18 के खंड ( क ) और ( ख ) में वर्णित प्रकार का प्रत्येक दस्तावेज, यदि सम्यक् रूप से पंजीकृत है, तो उसमें सम्मिलित संपत्ति के संबंध में उसी संपत्ति से संबंधित प्रत्येक अरिजिस्टर्ड दस्तावेज के विरुद्ध प्रभावी होगा, जो कोई हुकुमनामा या आदेश नहीं है, चाहे ऐसा अपंजीकृत दस्तावेज पंजीकृत दस्तावेज के समान प्रकृति का हो या नहीं।
(2) उपधारा (1) की कोई बात धारा 17 की उपधारा (1) के परन्तुक के अधीन छूट प्राप्त पट्टों पर या उसी धारा की उपधारा (2) में उल्लिखित किसी दस्तावेज पर या किसी ऐसे पंजीकृत दस्तावेज पर लागू नहीं होगी, जिसे इस अधिनियम के प्रारंभ पर प्रवृत्त विधि के अधीन पूर्विकता प्राप्त नहीं थी।
स्पष्टीकरण -उन मामलों में जहां अधिनियम सं. 16, 1864 या भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1866 (1866 का 20) उस स्थान और समय में प्रवृत्त था जिसमें और जिस समय ऐसा अपंजीकृत दस्तावेज निष्पादित किया गया था, वहां "अपंजीकृत" का अर्थ है ऐसे अधिनियम के अनुसार पंजीकृत नहीं है, और जहां दस्तावेज 1 जुलाई, 1871 के पश्चात निष्पादित किया गया है, वहां वह भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1871 (1871 का 8) या भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1877 (1877 का 3) या इस अधिनियम के अधीन पंजीकृत नहीं है।