भाग III

 पंजीकरण योग्य दस्तावेजों के बारे में

 वे दस्तावेज जिनका पंजीकरण अनिवार्य है  .

17. (1) निम्नलिखित दस्तावेज पंजीकृत किए जाएंगे, यदि वह संपत्ति, जिससे वे संबंधित हैं, उस जिले में स्थित है, और यदि वे उस तारीख को या उसके पश्चात निष्पादित किए गए हैं, जिसको अधिनियम सं. XVI, 1864, या भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1866 (1866 का 20), या भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1871 (1871 का 8), या भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1877 (1877 का 3), या यह अधिनियम लागू हुआ है या लागू होता है, अर्थात:—

() अचल संपत्ति के दान के दस्तावेज;
() अन्य गैर-वसीयती दस्तावेज जो वर्तमान या भविष्य में, एक सौ रुपए या उससे अधिक मूल्य के अचल संपत्ति में कोई अधिकार, शीर्षक या हित, चाहे निहित हो या आकस्मिक, बनाने, घोषित करने, सौंपने, सीमित करने या समाप्त करने का दावा करते हैं या संचालित होते हैं;
() गैर-वसीयती दस्तावेज जो किसी ऐसे अधिकार, शीर्षक या हित के निर्माण, घोषणा, असाइनमेंट, सीमा या विलुप्ति के कारण किसी भी विचार की प्राप्ति या भुगतान को स्वीकार करते हैं;
() अचल संपत्ति का वर्ष-दर-वर्ष, या एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए पट्टा देना, या वार्षिक किराया आरक्षित करना; तथा
[() किसी न्यायालय हुकुमनामा या आदेश या किसी पंचाट को अंतरित या समनुदेशित करने वाली गैर-वसीयती लिखत, जब ऐसा हुकुमनामा या आदेश या पंचाट, वर्तमान या भविष्य में, एक सौ रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी अधिकार, हक या हित को, चाहे निहित हो या आकस्मिक, अचल संपत्ति में या उसके प्रति, सृजित, घोषित, समनुदेशित, सीमित या समाप्त करने का अभिप्राय या प्रचालन करती हो :]

 बशर्ते   कि राज्य सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, किसी जिले या जिले के भाग में माफ किए गए किसी पट्टे को इस उपधारा के प्रवर्तन से छूट दे सकेगी, जिसके अनुदान की अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी और जिसके द्वारा आरक्षित वार्षिक किराया पचास रुपए से अधिक नहीं होगा।

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 (1882 का 4) की धारा 53क के प्रयोजन के लिए किसी स्थावर संपत्ति को प्रतिफल के लिए अंतरित करने की संविदा वाले दस्तावेज पंजीकृत किए जाएंगे यदि वे पंजीकरण और अन्य संबंधित विधियां (संशोधन) अधिनियम, 2001 के प्रारंभ पर या उसके पश्चात निष्पादित किए गए हैं और यदि ऐसे दस्तावेज ऐसे प्रारंभ पर या उसके पश्चात पंजीकृत नहीं किए गए हैं तो उक्त धारा 53ए के प्रयोजनों के लिए उनका कोई प्रभाव नहीं होगा।]

(2) उपधारा (1) के खंड ( ) और ( ) की कोई बात निम्नलिखित पर लागू नहीं होती- है

() कोई भी संयोजन विलेख; या
(ii) किसी संयुक्त स्टॉक कंपनी में शेयरों से संबंधित कोई भी लिखत, भले ही ऐसी कंपनी की परिसंपत्तियां पूरी तरह या आंशिक रूप से अचल संपत्ति हों;या
(iii) किसी ऐसी कंपनी द्वारा जारी किया गया कोई डिबेंचर, जो अचल संपत्ति पर या उस पर कोई अधिकार, शीर्षक या हित का सृजन, घोषणा, समनुदेशन, सीमा या उन्मूलन नहीं करता है, सिवाय इसके कि यह धारक को पंजीकृत लिखत द्वारा प्रदत्त सुरक्षा का हकदार बनाता है, जिसके तहत कंपनी ने ऐसे डिबेंचर धारकों के लाभ के लिए न्यासियों को अपनी अचल संपत्ति या उसमें किसी हित को पूरी तरह या उसके हिस्से को गिरवी रखा है, हस्तांतरित किया है या अन्यथा हस्तांतरित किया है; या
(iv) किसी ऐसी कंपनी द्वारा जारी किसी डिबेंचर पर कोई समर्थन या हस्तांतरण; या
(v) कोई भी दस्तावेज़  [उपधारा (1क) में विनिर्दिष्ट दस्तावेजों से भिन्न] जो स्वयं एक सौ रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी अधिकार, हक या हित का सृजन, घोषणा, समनुदेशन, परिसीमन या निर्वापन नहीं करता है, बल्कि केवल किसी अन्य दस्तावेज को प्राप्त करने के लिए अधिकार का सृजन करता है, जो निष्पादित होने पर ऐसे किसी अधिकार, हक या हित का सृजन, घोषणा, समनुदेशन, परिसीमन या निर्वापन करेगा; या
(vi) न्यायालय का कोई भी हुकुमनामा या आदेश [ऐसा हुकुमनामा या आदेश को छोड़कर जो समझौते पर बनाया गया माना जाता है और जिसमें उस अचल संपत्ति के अलावा अन्य संपत्ति शामिल है जो वाद या कार्यवाही की विषय-वस्तु है]; या
(vii) सरकार द्वारा अचल संपत्ति का कोई अनुदान; या
(viii) राजस्व अधिकारी द्वारा बनाया गया विभाजन का कोई दस्तावेज; या
(ix) भूमि सुधार अधिनियम, 1871 (1871 का 26) या भूमि सुधार ऋण अधिनियम, 1883 (1883 का 19) के तहत दिए गए ऋण या संपार्श्विक सुरक्षा के साधन से संबंधित कोई आदेश; या
() कृषक ऋण अधिनियम, 1884 (1884 का 12) के अधीन ऋण प्रदान करने संबंधी कोई आदेश, या उस अधिनियम के अधीन ऋण की वापसी सुनिश्चित करने के लिए किया गया कोई लिखत; या
( यक ) धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1890 (1890 का 6) के अधीन किया गया कोई आदेश, जो धर्मार्थ बंदोबस्ती के कोषाध्यक्ष में कोई संपत्ति निहित करता है या ऐसे किसी कोषाध्यक्ष से कोई संपत्ति छीन लेता है;
(xi) किसी बंधक विलेख पर किया गया कोई पृष्ठांकन जिसमें बंधक-धन के पूरे या उसके किसी भाग के भुगतान को स्वीकार किया गया हो, तथा बंधक के अधीन देय धन के भुगतान के लिए कोई अन्य रसीद, जब रसीद बंधक को समाप्त करने का आशय न रखती हो; या
(xii) किसी नागरिक या राजस्व अधिकारी द्वारा सार्वजनिक नीलामी द्वारा बेची गई किसी संपत्ति के क्रेता को दिया गया बिक्री प्रमाणपत्र।

 स्पष्टीकरण   .-किसी अचल संपत्ति के विक्रय के लिए संविदा करने का तात्पर्य रखने वाले या संविदा करने वाले दस्तावेज के लिए केवल इस तथ्य के आधार पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं समझी जाएगी या कभी पंजीकरण की आवश्यकता रही होगी कि ऐसे दस्तावेज में किसी बयाना राशि या क्रय राशि के संपूर्ण या उसके किसी भाग के भुगतान का विवरण है।

(3) 1 जनवरी, 1872 के पश्चात् निष्पादित तथा वसीयत द्वारा प्रदत्त न किए गए पुत्र को गोद लेने के प्राधिकार भी पंजीकृत किए जाएंगे।