अग्रिम कर की किस्तें और नियत तारीखें

211. (1) चालू आय पर ऐसा अग्रिम कर जो धारा 209 में अधिकथित रीति से परिकलित किया जाता है–

() खंड () में निर्दिष्ट निर्धारिती से भिन्न उन सभी निर्धारितियों द्वारा जो उसका संदाय करने के लिए दायी हैं, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान चार किस्तों में संदेय होगा और प्रत्येक किस्त की निश्चित तारीख और ऐसी किस्त की रकम वह होगी जो नीचे की सारणी 1 में विनिर्दिष्ट है :

सारणी 1

किस्त की निश्चित तारीख   संदेय रकम
15 जून को या उसके पूर्व   ऐसे अग्रिम कर के पंद्रह प्रतिशत से अन्यून ।
15 सितंबर को या उसके पूर्व   अग्रिम कर के पैंतालीस प्रतिशत से अन्यून, जो पूर्वतर किस्त या संदत्त रकम को, यदि कोर्इ हो, घटाकर आए ।
15 दिसंबर को या उसके पूर्व   अग्रिम कर के पचहत्तर प्रतिशत से अन्यून, जो पूर्वतर किस्त या संदत्त रकम को, यदि कोर्इ हो, घटाकर आए ।
15 मार्च को या उसके पूर्व   ऐसे कर की संपूर्ण रकम, जो पूर्वतर किस्त या किस्तों में संदत्त रकम को, यदि कोर्इ हो, घटाकर आए;

() 16[ऐसे किसी निर्धारिती द्वारा, जो यथास्थिति, धारा 44कघ या धारा 44कघक की उपधारा (1) के उपबंधों के अनुसार लाभ और अभिलाभ घोषित करता है] प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान, 15 मार्च या उसके पूर्व, ऐसे अग्रिम कर की संपूर्ण सीमा तक संदेय होगा :

परंतु यह कि इस अधिनियम के सभी प्रयोजनों के लिए 31 मार्च को या उसके पूर्व अग्रिम कर के रूप में संदत्त किसी रकम को भी उस दिन को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान संदत्त अग्रिम कर माना जाएगा।

(2) यदि धारा 210 की उपधारा (3) या उपधारा (4) के अंतर्गत निर्धारण अधिकारी के आदेश के अनुसरण में, धारा 156 के अंतर्गत जारी की गर्इ मांग की सूचना की तामील उपधारा (1) में उल्लिखित किसी भी नियत, तारीख के बाद की जाती है तो ऐसी सूचना में उल्लिखित अग्रिम कर की, यथास्थिति, संपूर्ण रकम या उसका समुचित भाग, ऐसी प्रत्येक तारीख को या उसके पूर्व देय होगा जो मांग की सूचना की तामील की तारीख के पश्चात् पड़ती है।

 

16. वित्त अधिनियम, 2017 द्वारा 1.4.2017 से ''धारा 44कघ में निर्दिष्ट किसी पात्र कारबार के संबंध में किसी पात्र निर्धारिती द्वारा'' शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।

 

 

 

[वित्त (सं. 2) अधिनियम, 2019 द्वारा संशोधित रूप में]