व्यक्ति-संगम या व्यष्टि-निकाय की आय में ऐसे संगम या निकाय के सदस्य का अंश

86. जहां निर्धारिती किसी व्यक्ति-संगम या व्यष्टि निकाय का (जो किसी कंपनी या सहकारी सोसाइटी या सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 (1860 का 21) के अधीन या उस अधिनियम के समान किसी ऐसी विधि के अधीन, जो भारत के किसी भाग में लागू है, रजिस्टर्ड किसी सोसाइटी से भिन्न है), सदस्य है, वहां उस संगम या निकाय की आय में धारा 67क में दी गर्इ रीति से संगणित निर्धारिती के अंश की बाबत उसके द्वारा आय-कर नहीं देना होगा :

परन्तु

() जहां संगम या निकाय, अपनी कुल आय पर, इस अधिनियम के किसी उपबंध के अधीन अधिकतम मार्जिन दर पर या किसी ऊंची दर पर आय-कर के लिए दायी है, वहां उपरोक्त रूप में संगणित उस सदस्य के अंश को उसकी कुल आय में शामिल नहीं किया जाएगा;

() किसी अन्य दशा में उक्त रूप से संगणित सदस्य का अंश उसकी कुल आय का हिस्सा होगा :

परन्तु यह और कि जहां संगम या निकाय की कुल आय पर कोर्इ आयकर नहीं लगता है, वहां उक्त ंरूप में संगणित सदस्य का अंश उसकी कुल आय के भाग के रूप में रूप कर से प्रभार्य होगा और इस धारा की कोर्इ बात ऐसे मामले में लागू नहीं होगी।

 

 

 

[वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा संशोधित रूप में]