टनभार के भाड़े पर लेने के लिए सीमा83छ
115फफ. (1) ऐसी प्रत्येक कंपनी की दशा में, जिसने टनभार कर स्कीम संबंधी विकल्प को अपनाया है, उसके द्वारा किसी पूर्ववर्ष के दौरान प्रचालित अर्हक पोतों के शुद्ध टनभार के उनचास प्रतिशत से अनधिक को भाड़े पर लिया जाएगा।
(2) किसी पूर्ववर्ष के संबंध में, उपधारा (1) में निर्दिष्ट शुद्ध टनभार का अनुपात उस पूर्ववर्ष के दौरान शुद्ध टनभार के औसत के आधार पर परिकलित किया जाएगा।
(3) उपधारा (2) के प्रयोजनों के लिए, शुद्ध टनभार के औसत की संगणना ऐसी रीति से की जाएगी, जो पोत परिवहन महानिदेशक के परामर्श से विहित की जाए।
(4) जहां भाड़े पर लिए गए पोतों का शुद्ध टनभार, किसी पूर्ववर्ष के दौरान उपधारा (1) के अधीन वर्णित सीमा से अधिक हो जाता है, वहां ऐसी कंपनी की, उस पूर्ववर्ष के संबंध में कुल आय की संगणना इस प्रकार की जाएगी मानो उस पूर्ववर्ष के लिए टनभार कर स्कीम संबंधी विकल्प का कोर्इ प्रभाव नहीं था।
(5) जहां उपधारा (1) के अधीन वर्णित सीमा, किन्हीं दो क्रमवर्ती पूर्ववर्षों में अधिक हो जाती है, वहां टनभार कर स्कीम संबंधी विकल्प उस दूसरे क्रमवर्ती पूर्ववर्ष के, जिसमें वह सीमा अधिक हो गर्इ थी, आगामी पूर्ववर्ष के प्रारंभ से प्रभावी नहीं रहेगा।
स्पष्टीकरण.–इस धारा के प्रयोजनों के लिए, "भाड़े पर लिया गया" पद के अंतर्गत अनावृत्त नौका चार्टर-सह-पट्टांतरण निबंधनों पर कंपनी द्वारा भाड़े पर लिया गया पोत नहीं आता।
83छ. नियम 11ध देखिए।
[वित्त अधिनियम, 2006 द्वारा संशोधित रूप में]