76 अपराध गैर संज्ञेय होने के लिए 76a .
439. (1) अपराध प्रक्रिया संहिता, 1973 में कुछ होते हुए भी (1974 का 2), अपराधों को छोड़कर इस अधिनियम के तहत हर अपराध (6) की उपधारा में निर्दिष्ट धारा 212 के अर्थ के भीतर गैर संज्ञेय होना समझा जाएगा कहा संहिता की.
(2) किसी अदालत रजिस्ट्रार, कंपनी के एक शेयरधारक, या अधिकृत व्यक्ति से लिखित में शिकायत पर छोड़कर किसी भी कंपनी या उसके किसी अधिकारी द्वारा किए गए आरोप लगाया है, जो इस अधिनियम के तहत किसी भी अपराध का संज्ञान लेना चाहिए इस निमित्त केन्द्र सरकार द्वारा:
अदालत ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा लिखित में एक शिकायत, मुद्दे और प्रतिभूतियों और लाभांश का भुगतान न होने के हस्तांतरण से संबंधित अपराधों का संज्ञान ले सकती है:
इस उप - धारा में कुछ भी नहीं उसके अधिकारियों में से किसी की एक कंपनी द्वारा एक मुकदमा चलाने के लिए लागू नहीं होगी कि आगे प्रदान की.
(3) उप - धारा के तहत शिकायतकर्ता (2) रजिस्ट्रार या केन्द्र सरकार, न्यायालय के समक्ष ऐसे अधिकारी की उपस्थिति द्वारा अधिकृत व्यक्ति है जहां अपराध प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) में निहित बावजूद अदालत ने मुकदमे में उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता है जब तक अपराधों की कोशिश कर आवश्यक नहीं होगा.
(4) उप - धारा के प्रावधानों (2) अध्याय XX में या किसी अन्य प्रावधान के विषयों में से किसी के संबंध में किए गए कथित किसी भी अपराध के संबंध में एक कंपनी के परिसमापक द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई के लिए लागू नहीं होगा इस अधिनियम की कंपनियों के समापन से संबंधित.
स्पष्टीकरण. एक कंपनी के परिसमापक उप - धारा के अर्थ के भीतर कंपनी के एक अधिकारी को नहीं माना जाएगा (2).
७६. से मेल खाती वर्गों 621 और 624 अधिनियम 1956 की.
76a. प्रासंगिक परिपत्र और स्पष्टीकरण के लिए Taxmann देखते कंपनी अधिनियम को मास्टर गाइड .